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सतयुग दर्शन वसुन्धरा में आयोजित राम नवमी यज्ञ महोत्सव
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : सतयुग दर्शन वसुन्धरा में आयोजित रामनवमी यज्ञ-महोत्सव में आज चतुर्थ दिन विभिन्न प्रांतों व विदेशों से असंख्य श्रद्धालुओं का आना जारी रहा। आज हवन आयोजन के उपरांत सत्संग में सजनों को सम्बोधित करते हुए सजन जी ने कहा आत्मबोध मोक्ष प्राप्ति का सीधा व सरल साधन है। आत्मबोध से तात्पर्य आत्मा का यथार्थ ज्ञान प्राप्त कर (आत्मज्ञान) अपने शुद्ध चैतन्य स्वरूप का बोध यानि साक्षात्कार करने से है। अन्य शब्दों में समभाव समदृष्टि की युक्ति के अनुशीलन द्वारा आत्मा में निहित निज परमात्म स्वरूप परब्रह्म को जान लेना और जगत की हर शै में उसी आत्मस्वरूप के होने की प्रतीति करते हुए, जीवन के समस्त कार्यव्यवहार करते हुए, हर क्षण, हर पल, हर कृति में, हर अवस्था में, उसी आत्मानन्द अवस्था में बने रहना यही सच्चा आत्मबोध है।
इस संदर्भ में वर्तमान युग में प्रचलित आत्मबोध के सीमित अर्थ से परिचित कराते हुए उन्होंने कहा कि आज के समयकाल में हरेक प्राणी ‘मैं हूँ‘ इस शारीरिक भाव को अपने स्वभाव के अंतर्गत कर, अपना स्वसिद्ध अस्तित्व घोषित करने में लगा हुआ है। अपनी इसी स्वाभाविक स्वार्थपर मानसिक मनोवृत्ति के कारण वह अपने अस्तित्व के स्थूल पहलू यानि शारीरिक पहचान तक ही सीमित रह गया है और मिथ्या शारीरिक शक्ति, देहिक सुन्दरता, बुद्धिमत्ता, भौतिक संपत्ति/उपलब्धियों, सामाजिक महत्त्व आदि की प्राप्ति पर गर्व युक्त होकर अपने को अन्य लोगों से श्रेष्ठ समझने लगा है। उन्होंने कहा कि चाहे सामान्य लोक व्यवहार में सजनों ऐसा व्यक्ति औपचारिक शिष्टाचार में मान-सम्मान पाता हुआ, सफल और सयाना गिना जाता है परन्तु हकीकत में ‘मैं‘ और ‘मेरा‘ तक सीमित उसकी इस मनोवृत्ति ने उसके यथार्थ आत्मबोध को विकृत बना दिया है यानि उसे आत्मविस्मृति हो गई है और वह अपनी सहज बुराईयों व कमियों से अपरिचित हो, संकल्प कुसंगी को संगी बना उस पर फतह पाने में असक्षम हो गया है। इसी ‘हौं-मैं‘ के कारण उसका मन एकाग्र, चित्त वृत्तियाँ शांत व ख़्याल अफुर नहीं हो पा रहा और वह आत्मिक ज्ञान प्राप्त कर, आत्मबोध के सर्वोच्च एवं उत्कृष्ट स्वरूप का बोध नहीं कर पा रहा। याद रखो कि यह आज के इंसान की ऐसी अज्ञानमय अवस्था है जिसके दुष्प्रभाव से वह दुश्चरित्रता अपनाकर, परमार्थ के स्थान पर स्वार्थपरता का सिद्वान्त अपना अपना व सबका विनाश कर रहा है।
ऐसा न हो इसलिए उन्होंने कहा कि मानो आत्मबोध के सर्वोच्च एवं उत्कृष्ट स्वरूप का बोध तब होता है जब मानव समभाव समदृष्टि की युक्ति के अनुशीलन द्वारा, देह और आत्मा का यथार्थ रूप जानकर, स्थूल देह एवं समस्त भौतिक पदार्थों को अनित्य, क्षर (नाशवान) समझने लगता है और आत्मा को उनसे सर्वथा भिन्न, शाश्वत् और अविनाशी यानि अ-क्षर जानता है। इस प्रकार आत्मबोध नित्य और अनित्य के विवेक से उत्पन्न ज्ञान का बोधक होता है तथा अपनी अपरोक्ष सत्ता को सच्चिदानंद परब्रह्म से अभिन्न महसूस करने से प्राप्त होता है। इसी से जीवनमुक्त हो सकता है व परमपद की प्राप्ति हो सकती है।
इस तथ्य के दृष्टिगत उन्होंने कहा कि समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुसार, आध्यात्मिक चिंतन यानि एकाग्रचित्त होकर अपने मन को प्रभु में लीन कर संकल्प कुसंगी पर फतह पाने के महत्त्व को समझो। ऐसा करने पर ही संसार में रहते हुए भी वैराग्य या अनासक्ति के भाव से युक्त होकर, परम पुरुषार्थ मोक्ष को परम लक्ष्य बनाकर, उसकी प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील हो सकोगे और यथार्थ आत्मज्ञान प्राप्त करके आत्मा के सच्चे स्वरूप का प्रत्यक्ष अनुभव कर आत्मोन्नति कर सकोगे।
श्री सजन ने आगे कहा कि इस हेतु सर्वप्रथम अपने मन में परमपद प्राप्ति की प्रबल इच्छा जाग्रत करो। जान लो जितनी यह इच्छा प्रबल होगी उतना ही आत्मानुभूति के लिए लालायित होकर निष्कामता से परमार्थ को अपनाने की ओर प्रेरित व प्रवृत्त होंगे। यहाँ आवश्यकता होगी सत्संग व सत् शास्त्र का विचार एवं मनन करने की। मत भूलो कि शुष्क शब्दबोध से यानि वेद-शास्त्रों के मात्र अध्ययन/पठन से या उनके गायन एवं सुनने मात्र से कुछ नहीं होगा अपितु उन शब्द ब्रह्म विचारों का चिंतन कर उन्हें आचार-व्यवहार में लाना होगा और इस तरह सर्व में उस अपरोक्ष आत्मा की अनुभूति करनी होगी। इस आध्यात्मिक चिंतन से अंतर्मन का कालुष्य धुल जाएगा और अंतर्मन स्वस्थ होकर आपको परमार्थ की दिशा में ले चलेगा जिससे आप संसारी यानि शारीरिक स्वभावों की तरफ से जित पा निरंतर आध्यात्मिक क्षेत्र में उन्नति करने लगोगे। इस प्रकार जब बहिर्मुखी होने के स्थान पर अंतर्मुखी हो जाओगे तो स्वत: ही हृदय में अफुरता का वातावरण पनपेगा और आपके लिए संतोष, धैर्य पर बने रह सत्य-धर्म के निष्काम रास्ते पर सुदृढ़ता से बने रहना सहज हो जाएगा।
यदि चाहते हो ऐसा ही हो तो समभाव समदृष्टि की युक्ति अनुसार, हकीकत में ब्रह्म शब्द अर्थात् प्रणव मंत्र को गुरू मानकर, सर्वव्याप्त अपनी ब्रह्म सत्ता को युक्तिसंगत ग्रहण करो और उस द्वारा प्रदत्त आत्मज्ञान को आचरण में ला निष्कामता से सत्य धर्म के रास्ते पर चल पड़ो। यह आत्मसाक्षात्कार यानि अपने असलीयत स्वरूप की पहचान कर परमपद प्राप्त करने का सबसे सरल व सहज तरीका है। इससे स्वत: ही तीनों तापों का घटता-बढ़ता टेम्प्रेचर सम हो जाएगा और फिर समभाव समदृष्टि जो एक निगाह एक दृष्टि देखनी होती है बिना यत्न के उसकी प्राप्ति हो जाएगी। यह होगा जन्म की बाज़ी को जीत इस जगत में अपना नाम रौशन करना।
डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय में 19 अप्रैल को ठोस कचरा प्रबंधन पर होगा अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन
फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय में 19 अप्रैल को ‘ठोस कचरा प्रबंधन : टिकाऊ पर्यावरण के लिए विकासात्मक रणनीतियां’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन का आयोजन किया जायेगा | उच्च शिक्षा निदेशालय से स्वीकृत इस सम्मलेन का आयोजन जियोग्राफी, इकोनॉमिक्स व कॉमर्स विभागों द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा |
महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ. विजय वंती ने बताया कि राष्ट्रिय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर बहुत सारे प्रयास किये जा रहे हैं और ये प्रयास कितने सार्थक साबित हो रहे हैं ये जानना अभी बाकी है | वर्तमान हालत में ठोस कचरा प्रबंधन एक बड़ी समस्या बना हुआ है और इससे पर्यावरणीय समस्यायें भी बढ़ रही हैं | शहर-दर-शहर बढ़ते कचरे के पहाड़ चिंता का विषय हैं | इस सम्मलेन में ऐसे ही विषयों को लक्षित वर्तमान प्रयासों की शुरुआत, उपलब्धियों व उनके कार्यान्वयन में शामिल खामियों का समीक्षत्मक अध्ययन किया जायेगा | साथ ही भविष्य में इन प्रयासों में क्या सुधार, समावेशन व निराकरण एक स्वस्थ पर्यावरण निर्माण के लिए किया जाना चाहिए जैसे सुझावों को भी समझा जायेगा |
इस सम्मलेन की संयोजिका डॉ. अर्चना भाटिया ने बताया कि हमारे पास एक सौ पचास से ज्यादा शोधपत्र पंजीकरण आ चुके हैं | इसके लिए सम्मलेन को नौ तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया है जिसमें देशभर से शामिल सभी शोधार्थी अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे | विदेशों से शामिल शोधार्थी ऑनलाइन माध्यम से जुड़ेंगे | इस सम्मलेन में देशभर के विश्विद्यालयों व विभिन्न संस्थानों से जुड़े विषय विशेषज्ञ भी अपनी राय शोधार्थियों, विद्यार्थियों व मीडिया के समक्ष रखेंगे | अन्य इच्छुक शोधार्थी जो इस सम्मलेन से जुड़ना चाहते हैं वे भी अपना पंजीकरण उसी समय करवा सकते हैं |
डी.ए.वी शताब्दी महाविद्यालय में श्री कृष्ण परमधाम मंदिर के साथ मिलकर मनाया गया गीता प्रचार चक्र माह उत्सव
फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डी.ए.वी. शताब्दी महाविद्यालय ने श्रीकृष्ण परमधाम मंदिर गुरुग्राम रोड़ बड़खल ,फरीदाबाद के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत गीता प्रचार चक्र उत्सव मनाया गया। इसके अंतर्गत गीता के अध्याय संख्या सात, आठ, नौ, से सम्बन्धित एक परीक्षा का आयोजन किया गया ।
जिसमें लगभग इकतालीस प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इस परीक्षा का उद्देश्य प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों में श्रीमद् भागवत गीता के बारे में जागरूकता लाना रहा। इसमें शिक्षक गणों तथा छात्रों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आयोजन के सफलता पूर्वक संपन्न होने पर महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर विजयवंती ने बच्चों को ऐसे आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया तथा श्री कृष्ण परमधाम मंदिर की निर्देशिका डॉक्टर सरोज साहनी तथा मंदिर से आई टीम का धन्यवाद किया तथा इस परीक्षा के पूर्ण होने पर निःशुल्क कार्यशाला आयोजित करने की घोषणा भी की।
डॉ अर्चना भाटिया एवं डॉ सुनीति आहूजा ने प्रतिभागियों को आशीर्वाद दिया। डॉ नरेंद्र दुग्गल, डॉ जितेंदर ,डॉ अंजू गुप्ता, डॉ अर्चना सिंघल एवं डॉ ललिता ढींगरा परीक्षा स्थान पर उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम की संयोजिका आध्यात्मिक प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. सोनिया नरूला रहीं।
रामनवमी यज्ञ महोत्सव की पूर्व संध्या पर आयोजित विशाल शोभा-यात्रा के माध्यम से दिया गया
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव ) | सतयुग दर्शन वसुन्धरा, गाँव भूपानी, फरीदाबाद, के प्रांगण में, रामनवमी-यज्ञ, वार्षिक-महोत्सव के अवसर पर हर्षोल्लास के साथ विशाल शोभायात्रा आयोजित की गई। आश्चर्यजनक किन्तु सत्य कि इन देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं की श्रद्धा और विश्वास का केन्द्र बिंदु न कोई शरीर है न कोई तस्वीर अपितु यहाँ तो सभी सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ को आधार मानकर व्यक्तिगत चरित्र-निर्माण की अवधारणा पर ही महत्व देते हैं। वार्तालाप के दौरान मालूम हुआ कि सभी के श्रद्धेय इस कुदरती ग्रन्थ में आने वाले युग यानि सतयुग के संविधान का विस्तृत वर्णन है। इस अभूतभूर्व शोभा-यात्रा में आगे-आगे सतवस्तु के कुदरती ग्रन्थ की सवारी, मार्ग के दोनों ओर श्रद्धा और विश्वास को प्रकट करता बैंड, पीछे-पीछे अपने हार्दिक उद्गारों को नृत्य-शैलियों के द्वारा व्यक्त करते सुसज्जित बाल कलाकारों तथा प्रसन्नमुद्रा में श्वेत वस्त्र धारण किए हुए और गुलानारी दुपट्टा ओढ़े हुए हजारों श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें चल रही थीं। पूरे वसुन्धरा प्रांगण की शोभा दर्शनीय थी। सम्पूर्ण वातावरण आनंद और हर्षोल्लास से पूर्ण था। इसी आनंदमय वातावरण में शोभा-यात्रा जैसे ही समभाव-समदृष्टि के स्कूल ‘ध्यान-कक्ष’’ में पहुँची तो वैसे ही ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने कहा कि संसार में व्यापक नैतिक परिवर्तन लाने हेतु, कुदरत के हुक्मानुसार आज और अभी से आध्यात्मिक क्रांति की लहर के आरम्भ होने का बिगुल बजा दिया गया है। अत: सजनों समय रहते ही अपने आचार-विचार व व्यवहार को परिष्कृत कर व अपने ख़्याल को ध्यान वल व ध्यान को प्रकाश वल जोड़, अपने मन को अखंडता से प्रभु में लीन कर दो ताकि आत्मदर्शन कर परमानंद का अनुभव कर सको।
सब ऐसा करने में कामयाब हो सको इस हेतु उन्होंने कहा कि यह आध्यात्मिक क्रांति सामाजिक जीवन में त्वरित स्वाभाविक बदलाव लाने के निमित्त समर्पित है। अत: युगों-युगांतरों से अपनाई अधर्मयुक्त विकृत नकारात्मक विचारधाराओं से उबर, कुदरती आत्मिक ज्ञान की महत्ता से परिचित हो, अंतर्निहित विवेकशक्ति के बलबूते पर आत्मा-परमात्मा के यथार्थ को समझ, आत्मोद्धार करने में सक्षम बनो। मानो यही आज समय की माँग भी है और इस माँग को पूरा करने पर ही आप अपनी आद् सभ्यता यानि सतयुगी आचार-संहिता को पुन अपना कर समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुसार, सत्य-धर्म के निष्काम मार्ग पर प्रशस्त होने में कामयाब हो, परमशांति प्राप्त कर सकते हो व सारे ब्रह्माण्ड में, सुकर्मों का राज स्थापित कर, सजन युग की बुनियाद को पक्का कर सकते हो। श्री सजन जी ने कहा कि निश्चित रूप से ऐसा होने पर ही पुन: धर्म का परचम लहरा सकता है और पापों के बोझ तले दबी, रोती हुई भारत माता पुन: हर्षा कर वीर सुपुत्रों के शौर्य पर गौरान्वित होते हुए कह सकती है:-
इंकलाब जिन्दाबाद, इंकलाब जिन्दाबाद, इंकलाब जिन्दाबाद
सजन जी ने आगे कहा कि नि:संदेह सजनों सामाजिक स्तर पर इतना बड़ा सार्थक परिवर्तन लाने हेतु, समय – हमसे न केवल विषय विकृतियों का त्याग करने की अपितु सम, संतोष, धैर्य जैसे महान सद्गुणों को अपना कर, सच्चाई-धर्म की राह पर निष्कामता व परोपकारिता की भावना से स्थिरता से चलने वाले निषंग वीरों का आदर्श कायम करने की अपेक्षा भी करता है। अत: इस कार्य की सिद्धि हेतु सर्वप्रथम खुद में स्वाभाविक परिवर्तन लाओ यानि सत्यता से अपने गुण/दोषों, अच्छाइयों/बुराईयों, सबलताओं/दुर्बलताओं का — ध्यानपूर्वक अवलोकन कर, आत्मसंयम द्वारा उनको दूर करो। इस तरह अपने मन और इंद्रियों पर पूर्णत: नियंत्रण रखते हुए, आत्मसुधार करो और अपने व्यक्तित्व/चरित्र को परिष्कृत यानि संशोधित कर आत्मविजय
प्राप्त करो। मानो ऐसा करने पर ही जिह्वा स्वतन्त्र, संकल्प स्वच्छ, दृष्टि कंचन, वृत्ति, स्मृति, बुद्धि व स्वाभाविक ताना-बाना निर्मल हो सकता है। मानवीयता पुष्ट हो सकती है और हम विषमता से समता की ओर प्रशस्त होते हुए सहज ही आत्मोद्धार के लक्ष्य को भेद सकते हैं।
अंत में श्री सजन जी ने आध्यात्मि क्रांति की सफलता हेतु कहा कि भौतिक ज्ञान से अधिक आत्मज्ञान को महत्ता देते हुए, अविचार छोड़ विचार अपनाओ यानि हैवानियत छोड़ इंसानियत में आ जाओ और सत्यता के प्रतीक बन चरित्रवान नाम कहलाओ। आशय यह है कि आज और अभी से अविद्या/अज्ञानता का अन्धकारमय मार्ग त्याग, निषंगता से ज्ञानमय आलोकित पथ पर प्रशस्त हो जाओ और अपने समस्त कर्त्तव्यों का ईश्वर के निमित्त समर्पित भाव से प्रसन्नतापूर्वक संम्पादन करने वाले ईश्वर के कर्त्तव्यपरायण आज्ञाकारी सुपुत्र कहला, परमात्मा से मेल खा जाओ व रौशन नाम कहाओ।
अवकाश के दिन खोला स्कूल तो होगी मान्यता रद्द : उपायुक्त विक्रम सिंह
शिकायत दर्ज करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर – 9289563595 और ईमेल आईडी -deofbdhelppvt@gmail.com जारी- स्कूल बसों के संबंध में भी कर सकते हैं हेल्पलाइन पर शिकायतफरीदाबाद, 13 अप्रैल। ईद की छुट्टी के दिन महेंद्रगढ़ के कनीना में हुए निजी बस स्कूल हादसे को देखते हुए जिला प्रशासन अब एक्शन मोड में आ गया है जिसके चलते उपायुक्त विक्रम सिंह के आदेश अनुसार शिक्षा विभाग ने राजपत्रित अवकाश के दिन कोई स्कूल नहीं खुलने देने के निर्देश दिए हैं और इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर – 9289563595 और ईमेल आईडी -deofbdhelppvt@gmail.com जारी कर दी गयी है। इस नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से भी सूचना दी जा सकती है।उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि सरकारी छुट्टी के दिन कोई निजी स्कूल अगर खुला तो उसकी मान्यता रद की जाएगी। ईद की छुट्टी के दिन स्कूल खोलने वाले स्कूल संचालकों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। इसके साथ ही स्कूल बसों से संबंधित अगर कोई समस्या है तो भी वह इस नंबर पर अपनी शिकायत कर सकते हैं।उपायुक्त विक्रम सिंह के आदेश अनुसार सभी प्राइवेट (अराजकीय) विद्यालयों द्वारा राजपत्रित अवकाश के दौरान विद्यालय खोलने एवं प्राइवेट विद्यालय संचालकों द्वारा विद्यार्थियों के परिवहन (बसों इत्यादि) के नियमानुसार संचालन नही करने की शिकायतों को प्राप्त करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी जारी कर दी गयी है। अगर कोई स्कूल आदेश की अवमानना करता है तो कोई भी अभिभावक हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है इसके साथ ही उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा है कि सभी विद्यालयों को अवकाश के बारे में अवगत करवाना सुनिश्चित करें और अवकाश के दिन निरीक्षण करें कि कोई विद्यालय खुला हुआ न हो। कोई विद्यालय खुला मिलता है तो उसे बंद करवाकर उसके खिलाफ तुरंत आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें और नियमों के तहत प्रत्येक बस संचालन में जो 14 नियम है उसकी पूरी पालना हो।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का प्रेरक आदर्श जीवन अनुकरणीय है
आर्य समाज (सेंट्रल), सैक्टर 15 फरीदाबाद के 35वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में 7 दिवसीय वैदिक रामकथा महोत्सव में विदुशी बहन अंजली आर्या ने अपने प्रवचन और मधुर भजनों के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन और आदर्शों का मार्मिक चित्रण ओर वर्णन किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर बहन अंजली आर्या ने कहा कि श्री राम एक श्रेष्ठ राजा थे उन्होंने हमेशा दया, सत्य, सदाचार, मर्यादा, करुणा और धर्म का पालन किया उन्होंने समाज के लोगों के सामने सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया था इसी लिए उनको मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है प्रभु श्रीराम ने सभी रिश्तों को दिल और शालीनता तथा दयालुता से निभाया। प्रभु श्री राम एक आदर्श मनुष्य, पुत्र, भाई और पति होने के साथ-साथ एक आदर्श कुशल शासक भी थे। उनके शासन काल में व्याप्त सुव्यवस्था के कारण ही आज भी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है उन्होने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने अपने ग्रंथों में श्रीराम और श्रीकृष्ण का गौरवपूर्वक उल्लेख किया है। उनके श्रीराम राज पुत्र पारिवारिक मर्यादाओं को मानने वाले, ऋषि मुनियों के भक्त, परम आस्तिक और विपत्तियों में कभी भी न घबराने वाले महापुरुष थे, वह महामानव, ज्येष्ठ- श्रेष्ठ आत्मा, परमात्मा के परम भक्त, धीर वीर पुरुष, विजय के पश्चात भी विनम्रता से विभूषित सहृदय तथा आदर्श पुरुष थे। आज राष्ट्र को ऐसे ही महापुरुषों की आवश्यकता है जिनके आदर्श को आचरण में लाकर हम अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता, अखंडता, सार्व भौमिकता तथा स्वायत्तता की रक्षा कर सकते हैं। मुख्य अतिथि के रुप में योगेश वैध तथा धर्मेंद्र कौशिक ने भव्य और सफल आयोजन पर अपनी बधाई दी। इस अवसर पर डॉ. हरिओम आर्य, विजय भूषण आर्य, आई जे गिरधर, कुलभूषण आर्य, नंदलाल कालरा, जितेंद्र सरल, सत्य भूषण आर्य, वसु मित्र सत्यार्थी, रघुबीर शास्त्री, योगाचार्य देवराज आर्य, अंकित आर्य, संतोष शास्त्री, शिव कुमार टुटेजा, विमल सचदेवा, सुकीर्ति चावला, प्रेम बहल, सुषमा वधवा, ऊषा चितकारा व शोभा टंडन मौजूद रहे।
डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष में किया गया यज्ञ हवन का आयोजन
फरीदाबाद (पिंकी जोशी) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर विजयवंती के नेतृत्व में महाविद्यालय की आर्य समाज इकाई द्वारा हिंदू संवत्सर 2081 के उपलक्ष्य में यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ हवन के माध्यम से शिक्षा और संस्कृति के मिलन को दर्शाया गया। यज्ञ कर्ता के रूप में डी.ए.वी स्कूल की अध्यापिका समिधा रहीं व यजमान के रूप में डॉक्टर विजयवंती विराजमान रहीं।
इस अवसर पर प्राचार्या ने यज्ञशाला में उपस्थित सभी को नव वर्ष की बधाई दी व सभी प्राणधारियों के लिए सुख समृद्धि की मंगल कामना की। इस मौके पर डॉक्टर नरेंद्र दुग्गल, डॉक्टर अर्चना सिंघल, डॉक्टर सुनीति आहूजा, डॉक्टर शिवानी तंवर व लगभग अस्सी विद्यार्थियों सहित,शिक्षक गण, गैर शिक्षक गण मौजूद रहे।
डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में वैल्यू एडेड कोर्स के प्रमाण पत्र वितरण समारोह
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में बीसीए विभाग द्वारा वैल्यू एडेड कोर्स “एस क्यू एल एसेंशियल्स”का प्रमाण पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया। यह कोर्स बीसीए तृतीय वर्ष के छात्रों के लिए करवाया गया।यह कोर्स लगभग 30 दिन चला और इसमें 30 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
यह कोर्स बीसीए विभाग से उत्तमा पांडे और रीना नरवाल के संरक्षण में संपन्न हुआ। इस कोर्स में विद्यार्थियों को बेसिक और एडवांस एस क्यू एल के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।यह कार्यक्रम कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्या डॉ विजयवंती के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।इस कार्यक्रम में डॉ अर्चना भाटिया,डॉ नरेंद्र दुग्गल , डॉ अंजू गुप्ता, डॉ जितेंद्र ढुल,डॉ रुचि मल्होत्रा,डॉ मीनाक्षी हुडा, दिनेश कुमार और बीसीए विभाग से सभी शिक्षक मौजूद रहे।
गांव सीही में एसडीएम फरीदाबाद शिखा आंतिल HCS द्वारा गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में मतदाता शपथ दिलाई गई
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : गांव सीही में एसडीएम फरीदाबाद शिखा आंतिल HCS द्वारा गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल में मतदाता शपथ दिलाई गई। करीब 160 महिलाओ को शपथ दिलवाई गयी। महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुशीला सिंह के साथ अन्य सभी अधिकारी मौजूद रहे। इस मोके पर एसडीएम शिखा आंतिल ने सभी महिलाओ को संबोधित भी किया एवं सभी को वोट का महत्त्व भी समझाया।
एसडीएम शिखा आंतिल ने शपथ दिलाते हुए कहा कि हम, भारत के नागरिक, लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश की लोकतांत्रिक परंपराओं की मर्यादा को बनाए रखेंगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्य रखते हुए, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि हर अधिकार के पीछे कर्तव्य भी जुड़ा होता है, इसलिए हम सभी को मतदान के प्रति जागरूक रहना होगा। जिससे देशहित में अपना अमूल्य मत देकर देश के विकास में अपनी महती भूमिका निभायी जा सके। सभी मतदाताओं को गर्व के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए।
इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट फरीदाबाद में एनुअल डे और फेयरवेल का आयोजन किया गया
फरीदाबाद (विनोद वैष्णव) : इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट फरीदाबाद में B.Sc. (H&HA) और Diploma फाइनल ईयर के विधार्थियों के लिए एनुअल डे और फेयरवेल का आयोजन किया गया I कार्यक्रम का शुभारंभ आयोजन की चीफ गेस्ट श्री एम. डी. सिन्हा, आई ऍफ़ एस प्रिंसिपल सेक्रेटरी (हेरिटेज एंड टूरिज्म), श्रीमति कला रामाचंद्रन, आई. पी. एस, अफसर ऑन स्पैशल ड्यूटी, पर्यटन विभाग हरियाणा सरकार, श्री जयशिव शर्मा, आई. इ. एस. असिस्टेंट डायरेक्टर आई. एस. डी. एस., श्री ऐ. के. सिंह ऍफ़. एच .आर. ऐ. आई, प्रिंसिपल और संस्थान की प्रिंसिपल इंचार्ज डॉ. श्वेता कुमार द्वारा किया गयाl सभी अतिथियों के द्वारा पौधरोपण किया गयाI
कार्यक्रम के दौरान डांस, सिंगिंग और स्किट में सभी बच्चो ने बड़े जोरो शोरो से बढ़ चढ़कर भाग लिया कार्यक्रम के दौरान विधार्थियों को मिस्टर एंड मिस फेयरवेल, मिस्टर एंड मिस पर्सनॅलिटी और बेस्ट ड्रेस के अवार्ड से नवाजा और साथ-साथ एकेडेमिक और स्पोर्ट्स में उत्तीर्ण हुए विधार्थियों को सर्टिफिकेट और ट्रॉफी देकर भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया और कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों ने फाइनल ईयर के विधार्थियों को आने वाले भविष्य के लिए बधाई भी दी और उनके सुनहरे भविष्य की कामना की I
आयोजन के अंत में संस्थान की प्रिंसिपल इंचार्ज डॉ. श्वेता कुमार ने होटल मैनेजमेंट कोर्स के व्यापक क्षेत्र के बारे में बताया और कहा होटल मैनेजमेंट कोर्स एक स्किल्ड कोर्स हैI और इस संस्थान में शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों के लिए विदेश में पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी हैं उन्होंने कहा कि फाइनल ईयर के सभी विधार्थी अलग अलग होटल्स और हॉस्पिटैलिटी में रोजगार प्राप्त कर चुके है हमारे इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट फरीदाबाद में आकर विधार्थी होटल मैनेजमेंट में डिग्री या डिप्लोमा करके अलग-अलग तरह के व्यवसायों में जुड़ सकते है और अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैI
संस्थान की प्रिंसिपल इंचार्ज डॉ. श्वेता कुमार ने और सफलतापूर्वक आयोजन के लिए स्टाफ के सभी सदस्यों की प्रशंसा की तथा उनको बधाई दीl