आध्यत्म

now browsing by category

 
Posted by: | Posted on: June 18, 2018

सिद्धपीठ हनुमान मंदिर का 60 वां वार्षिक उत्सव धूम धाम से मनाया गया 

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) :  एक नंबर स्थित सिद्धपीठ हनुमान मंदिर श्री सनातन धर्म महावीर दल का 60 वां दो दिवसीय वार्षिक उत्सव धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर के प्रांगण में चौकी का आयोजन किया गया। जिसमे अतिथि के रूप में उपस्थित राजमंदिर के एम डी गुलशन भाटिया, होटल डिलाइट के सीएमडी राम शरण भाटिया, मानक चंद भाटिया,प्रेम मदान,राजन मुथरेजा ,वी के मलिक,हरीश कपूर ,पूर्व पार्षद राजेश भाटिया,मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया द्वारा सयुक्त रूप से ज्योति प्रचंड कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई । हनुमान मंदिर के प्रांगण में सुप्रसिद्ध भजन गायक सन्नी भोला,रवि भाई,रोहित कपूर ने हनुमान जी व बाला जी महाराज का गुणगान करके भक्तो का मोह लिया। भजन गायको के भजनों पर भक्त झूमने पर मज़बूर हो गये  कार्यक्रम में वैष्णो देवी मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया,वशिष्ठ कोंग्रेसी नेता गुलशन बग्गा, अमर बजाज, अजय नौनिहाल, गिर्राज दत्त गौड़ द्वारा   मंदिर का 60 वां वार्षिक उत्सव केक काट कर मनाया। मंदिर के प्रधान राजेश भाटिया, चेयरमैन संजय शर्मा, उपप्रधान सुन्दर बजाज, विजय अरोड़ा व विकास भाटिया , महासचिव मनोज रतड़ा ,सचिव राकेश खन्ना ,सह -सचिव वरुण ग्रोवर व सचिन भाटिया ,संयुक्त सचिव तिलक भाटिया, भरत कपूर व गगन अरोड़ा ,दलपति अनिल अरोडा व अजय शर्मा ,कोषाध्यक्ष संजीव रतड़ा(संजय खत्री ) ,रिंकल भाटिया ने आए हुए सभी अतिथियों व भक्तजनों का स्वागत किया। अंत में कार्यक्रम का समापन पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया और सभी भक्तजनो को प्रसाद वितरण किया गया।

Posted by: | Posted on: June 15, 2018

सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा आयोजित मानवता-फेस्ट-2018

( विनोद वैष्णव ) | सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा अपने ही विशाल परिसर सतयुग दर्शन वसुन्धरा में मानवता -फेस्ट २०१८, का आयोजन किया गया। इस समारोह में देश के विभिन्न भागों से सैकड़ो की सं2या में युवा सदस्य पधार रहे हैं। फेस्ट के आयोजको के अनुसार यह फेस्ट भौतिकता के प्रसार के कारण, नैतिक रूप से पथभ्रष्ट हो रहे बाल-युवाओं को अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान कर, सद्मार्ग पर लाने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। सबकी जानकारी हेतु इस फेस्ट में खेल-कूद, मौज-मस्ती, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जूमबा, योगा, पेंटिग प्रतियोगिता, पतंगबाजी, टेलन्ट हंट इत्यादि का भी समुचित प्रबन्ध किया गया है।

फेस्ट के आरंभ में ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी ने सब बाल युवाओं को आयोजित इस मानवता-फेस्ट के प्रयोजन के विषय में स्पष्ट करते हुए कहा कि यह फेस्ट हर इंसान को, आत्मिक ज्ञान के अभाव के कारण, अज्ञानवश धारण की हुई हर बुराई को छोडऩे व अपने अलौकिक स्वरूप में अटलता से स्थित रह, मनुष्यता अनुरूप गुणवान व निश्चयात्मक बुद्धि वाला इंसान बनाने हेतु आयोजित किया गया है ताकि इंसान प्रसन्नचित्तता व निर्लिप्तता से इस जगत में विचर सके और ए विध् सर्वरूपेण सफलता प्राप्त कर सबका कल्याणकारी सिद्ध हो सकें।

इस संदर्भ में सर्वप्रथम उन्होने सब बच्चों से प्रार्थना कि अज्ञानवश अब तक जो भी बुरे भाव-स्वभाव अपना चुके हो उसे त्याग दो 1योंकि यह बुरे भाव ही मानस के अन्दर विकार पैदा करते हैं और बुरे कर्मों का आधार बनते हैं। यहाँ विकार का अर्थ स्पष्ट करते हुए उन्होने कहा कि विकार वे दोष हैं जिनके कारण किसी वस्तु का रूप-रंग बदल जाता है और वह खराब होने लगती है। अन्य श4दों में विकार या बुराई मन में उत्पन्न होने वाला वह प्रबल प्रभाव या वृत्ति है जिसके परिणामस्वरूप इंसान के स्वभाव में दोष या बिगाड़ उत्पन्न हो जाता है और वह उपद्रवी बन अपने मन की शांति भंग कर बैठता है। इस तरह इस लापरवाही के कारण वह भ्रमित व भ्रष्ट बुद्धि हो सहजता से राग-द्वेष आदि में फँस जगत के भ्रमजाल में उलझ जाता है और फिर उसी का होकर रह जाता है। इस तरह अपने वास्तविक अविनाशी अस्तित्व को भूल वह मिथ्याचारी बन जाता है। उन्होने कहा कि यह जानने के पश्चात् अब बुरे से अच्छा इंसान यानि दुराचारी से सदाचारी बनने का संकल्प लो। इस हेतु विवेकशील बनो यानि भले-बुरे का ज्ञान रखने वाले बुद्धिमान इंसान बनो, सद्गुणी बनो यानि नैतिक दृष्टि से अच्छे आचरण करने वाले निर्दोष व धर्मात्मा इंसान बनो तथा आत्मिक ज्ञानी बनो। श्री सजन जी ने बच्चों को स्पष्ट किया कि ऐसा करने पर ही आप कलुकाल की विकृत विकिरणों के दुष्प्रभाव से बचे रह सात्विक वृत्ति, स्मृति व बुद्धि वाले इंसान बन उच्च बुद्धि, उच्च ख़्याल कहला सकते हो। यहाँ सात्विक प्रकृति वाले इंसान की विशेषता बताते हुए उन्होने कहा कि ऐसा स्थिर मन-चित्त वाला बुद्धिमान इंसान इस जगत में जितने भी रूप हैं उसे प्रकृति का ही विभक्त रूप मानते हुए कभी भी किसी प्रभाववश अपना मूल गुण नहीं छोड़ता और सबके प्रति सजन भाव रखता है। इस प्रकार वह जगत को देखते-समझते व उसमें अकत्र्ता भाव से विचरते हुए सदा विचार, सत-जबान एक दृष्टि, एकता, एक अवस्था में बना रहता है और उसके लिए आत्मबोध कर ह्मदय सचखंड बना सत्य धर्म के निष्काम मार्ग पर चलते हुए परोपकार कमाना सहज हो जाता है।

अंतत: उन्होंने बच्चों से कहा कि इस तथ्य के दृष्टिगत सात्विक आहार-विचार व व्यवहार अपनाओ। कदाचित् राजसिक व तामसिक आहार व विचारों का सेवन मत करो। न ही माँसाहार, मद्यपान तथा नशीले पदार्थों का सेवन करने की लत में फँसो और न ही अश्लील विचार अपनाओ। ऐसा इसलिए 1योंकि प्रकृति विरूद्ध ऐसे आहार-विहार का सेवन करने से शरीर की स्वाभाविक वृद्धि एवं विकास क्रिया में तो अवरोध उत्पन्न होता ही है

साथ ही साथ शारीरिक अंगों में शिथिलता, रोग, आलस्य, जड़ता आदि भी पनप जाते हैं। इसी तरह यह मानसिक रूप से इन्सान की सोचने समझने की शक्ति को विकृत कर मन को अचेतन बनाते हैं व बुद्धि का सर्वनाश कर देते हैं। यही नहीं इनके अधिक प्रयोग से नाड़ीजाल व हारमोन्स का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इस तरह यह शरीरस्थ नसों को मुरदा बना उनमें विष फैलाने का काम करते हैं और अत्याधिक नींद ला इन्सान को घोर तामसिक वृत्ति वाला इंसान बनाते हैं। उन्होने बच्चों से कहा कि अगर हम चाहते हैं कि हमसे ऐसी भूल न हो तो आत्मिक ज्ञान प्राप्त कर सात्विक आहारी व विचारी बनो और इस तरह निर्विकारी बन सद्-व्यवहारी कहलाओ और अपनी सर्वोत्कृष्टता सिद्ध करो।

Posted by: | Posted on: June 11, 2018

महज 3 वर्ष की नव्या सूद ने खेल प्रतिभा से इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ) :3 वर्ष की नव्या सूद ने अपनी शतरंज प्रतिभा का लोहा मनवाया कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाया , जिस उम्र में बच्चा सही तरीके से बोल और चल भी नहीं पाता है, उसमें ग्रीन वैली में रहने वाली नव्या सूद ने अपनी शतरंज प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है। महज 3 वर्ष की नव्या सूद ने हाल ही संपन्न हुई जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता अंडर-7 आयुवर्ग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उनकी इस उपलब्धि पर शतरंज एसोसिएशन भी स्तब्ध है।

प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली खिलाड़ी नव्या से चार साल बड़ी है। नव्या के पिता संजय सूद का इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी का व्यवसाय है और फुर्सत के क्षणों में अपनी पत्नी नीतू सूद के साथ शतरंज खेलना पसंद करते हैं। वह साथ में बैठकर खेल को देखती रहती थी। इस दौरान वह कई बार हाथ मारकर बिसातों को फैला दिया करती थी, लेकिन समय बीतने के साथ वह गंभीर होने लगी और शतरंज की चालों को समझने लगी। इस दौरान उनके माता-पिता को अहसास हुआ कि नव्या का जन्म शतरंज खेलने के लिए हुआ है। परिजनों ने बताया कि बड़ी बेटी संजना 10वीं कक्षा में है और उसे गणित विषय पढ़ाने के लिए अध्यापक घर आते हैं। पढ़ाई के दौरान नव्या भी संजना के पास पहुंचकर डिस्टर्ब किया करती थी, जब उसे कमरे से बाहर लेकर आते थे, तो वह रोती थी। एक दिन नव्या ने बहुत ही मासूमियत से तोतली भाषा में बहन संजना की तरह घर पर टीचर लगाने की जिद पकड़ ली। बेटी की जिद को पूरी करने के लिए संजय सूद ने शतरंज कोच डीएस सूरी के पास उसकी ट्रे¨नग शुरू करा दी। उसे ट्रे¨नग लेते हुए अभी चार महीने ही हुए हैं।

Posted by: | Posted on: June 9, 2018

जीव को हमेशा अच्छे कर्म के लिए तत्पर रहना चाहिए :  धीरज कृष्ण ठाकुर

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ): सैक्टर -3 मधुबन पार्क में न्यू रेजिडेंटस वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर  श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। जिसमें भगवान के जन्म की ख़ुशी में धर्मप्रेमीजन ने जमकर नृत्य किया। भागवत कथा में कथावाचक  श्रद्वेय  धीरज कृष्ण ठाकुर जी महाराज ने हरीश चन्दर के सत्य के पद पर चलने की बात कही।  ठाकुर जी ने  कहाकि  भगवान आपके चढ़ाए गए पकवानों के नहीं बल्कि भाव के भूखे हैं। यदि आपने दिखावा करते हुए भगवान को छप्पन पकवानों का भोग भी लगाया हो तो भी कुछ फल नहीं मिलने वाला है परंतु श्रद्घाभाव के साथ सादे से मन से एक चावल का दाना भी भगवान को समर्पित कर दिया तो आपका कल्याण हो जाएगा, क्योंकि जो कोई भगवान को सच्चे मन से पुकारता है, प्रभु उसके पास दौड़े चले आते हैं।  उन्होंने कहा कि कलयुग में कर्म का विशेष महत्व है, क्योंकि बिना कर्म किए प्राप्त फल कभी कल्याणकारी नहीं हो सकता है। इसलिए जीव को हमेशा अच्छे कर्म के लिए तत्पर रहना चाहिए। 16 कलाओं के ज्ञाता भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यकाल अवस्था में ही कई राक्षसों का वध किया। उन्होंने बताया गलत आचरण वाले रिश्तेदार ही क्यों न हो, उसका संसार में रहना प्राणियों के लिए नुकसानदायी है। इसलिए श्रीकृष्ण भगवान ने अपने कंस मामा का वध कर राक्षस युग का अंत किया था। सच्ची मित्रता अमीरी और गरीब से ऊपर होती है। भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता इसकी ही मिसाल है। मित्रता में छल कपट और स्वार्थ जैसा कोई स्थान नहीं होता है। नि:स्वार्थ भाव से निभाई जाने वाली मित्रता ही सच्ची मित्रता कहलाती है। भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरे जग में एक अनूठा उदाहरण है। इस अवसर पर संस्था के प्रधान भगवान शर्मा, हरीश चंद शर्मा, एस.पी. नागपाल, सतेंद्र शर्मा, आनंद कुमार, एस.एस रावत, एस.सी. शर्मा मौजूद थे।  
Posted by: | Posted on: June 2, 2018

श्रीराम कथा का आठवां दिन: बापू ने भगवान श्रीराम और सीता माता के विवाह का उल्लेख किया

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ) श्रीराम कथा के आठवें दिन मोरारी बापू को सुनने 17 हजार से ज्यादा राम भक्त पहुंचे। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अनिल जैन, ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के चेयरमैन एमएस बिट्टा, फरीदाबाद जिला बीजेपी अध्यक्ष गोपाल शर्मा, पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना, पूर्व मंत्री एसी चौधरी, पूर्व विधायक आनंद कौशिक, (रिटायर्ड) हरियाणा डीजीपी एसएन वशिष्ठ, पालमपुर महाराज, योग गुरू ओम जी समेत कई अतिथियों ने श्रीराम कथा सुनीं।

बापू ने कहा अगर सत्य को धर्म कहे, तो दुनिया का कोई धर्म उसे गलत नहीं कह सकता। बापू ने कथा के दौरान अलग-अलग धर्मों के ग्रंथों में सत्य की महिमा का व्याख्यान किया। उन्होंने कहा, जिस प्रकार दुनिया का कोई मजहब सत्य से इंकार नहीं कर सकता उसी प्रकार प्रेम से, करूणा से इंकार नहीं कर सकता। हमारे जीवन और इस विश्व में जितनी मात्रा में सत्य है, वह सतयुग है।

वह सभा नहीं जिसमें वृद्ध नहीं

वह वृद्ध नहीं जिसमें धर्म नहीं

वह धर्म नहीं जिसमें सत्य नहीं

वह सत्य नहीं जिसमें निर्भयता से बोला न जाए

हमारे जीवन में प्रेम है तो हम त्रेता युग में हैं। जहां हमारे ह्रद्य में करूणा का भाव है, वहां हम द्वापर युग में हैं क्योंकि करूणा द्वापरीय है। बापू ने कहा, जहां न सत्य हो, न करूणा हो वहां कलयुग है।

बापू ने पुष्प वाटिका और अशोक वाटिका का वर्णन किया। उन्होंने बताया, जिसमें पुष्प ही पुष्प हैं, कोई फल नहीं, न ही किसी को फल की इच्छा, विभिन्न प्रकार के पक्षी हैं वह पुष्प वाटिका है। जहां फल ही फल हैं, खुशबू की अनुभूति नहीं है, फल का भोग है और जहां कोई पक्षी नहीं है, वह अशोक वाटिका है। बापू ने कहा आज की समस्या है चिंता। पति-पत्नी का युगधर्म जिससे छोटे घर में अपने आप को सतयुग का अनुभव हो। पहला धर्म है, पति-पत्नी एक दूसरे को स्वतंत्रता दें, यह युगधर्म है। दूसरा धर्म है, श्रवण करने से मन में संदेह होता है। एक दूसरे पर संदेह न करें। शंका की दृष्टि से एक दूसरे को न देखें, वहम न करें। तीसरा धर्म है, पति-पत्नी दोनों एक दूसरे का फोन चेक न करें, एक दूसरे से कुछ न छुपाएं। चौथा धर्म है, स्वीकारिता रखो पत्नी कैसे भी स्वभाव की है, पति कैसे भी स्वभाव का हो उसे स्वीकार करें। पांचवां, पति-पत्नी में कोई मतभेद हो जाए तो रात्रिकाल में सोने से पहले सारे मनमुटाव भुला देना चाहिए। छठा, पति-पत्नी को एक संतान की प्राप्ति के बाद मैत्रीभाव से रहना चाहिए।

बापू ने आज की कथा में श्रीराम और सीता माता के विवाह का उल्लेख किया। उन्होंने बताया, किस तरह सीता माता ने सर्वप्रथम श्रीराम के दर्शन किए थे। बापू ने कहा, राम दर्शन कराने वाला गुरु होता है। फिर चाहे वो किसी भी रूप में आए। ऐसे गुरु को अपने आगे रखना चाहिए, गुरु सरल होता है, उसे जहां रखे रह जाता है।  बापू ने बताया, पैर के पायल- सदाचरण का प्रतीक है, करधनि- संयम का प्रतीक है, कंगन- समर्पण का प्रतीक, दान का प्रतीक है, ये तीन आभूषण प्रभु को अपनी तरफ आकर्षिक करते हैं।

Posted by: | Posted on: May 30, 2018

हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि मानव जीवन में धर्म का बहुत बडा महत्व है

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )| हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि मानव जीवन में धर्म का बहुत बडा महत्व है। भारत की पहचान साधु-संतों की भूमि के रूप में होती रही है। यहां के साधु संतों ने विश्व स्तर पर देश को नई पहचान दिलाई है। मोरारी बापू ने भी पूरे विश्व में ज्ञान के साथ-साथ भारतीय संस्कति का प्रचार करने का कार्य किया है।
राज्यपाल बुधवार को सेक्टर-12 स्थित हुडा ग्राउंड में विश्व प्रसिद्ध रामकथा वाचक मोरारी बापू की श्रीरामकथा के पांचवे दिन हिस्सा लेने के बाद भक्तजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बापू जी की कथा से भक्तजनों को अपार उर्जा मिलती है। इस कथा को सुनने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में भक्तजन पहुंचे हैं। उन्होंने मोरारी बापू का अभिनंदन करते हुए कहा कि इस कथा में जैसा माहौल है, अगर हरियाणा व देश में भी ऐसा ही माहौल हो जाए तो यह धरा स्वर्ग के समान हो सकती है। उन्होंने कहा कि रामायण की रचना तो वाल्मीकि ने की थी,  लेकिन 21वीं सदी में बापूजी इसे सबके मन में बसा रहे हैं। मोरारी बापू को देखकर स्वामी रामतीर्थ याद आते हैं। एक बार उन्हें इंग्लैंड में वहां की वेशभूषा पहनने का आग्रह किया गया, जिस पर उन्होंने सब कुछ पहना, लेकिन हैट नहीं पहना और कहा कि सिर पर तो भारत का गौरव व पहचान पगडी है। मानव रचना विश्वविद्यालय के बारे में उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय सिर्फ नाम से ही मानव रचना नहीं हैं, बल्कि यहां  वास्तविकता में मानव निर्माण का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक, स्वामी विवेकानंद को याद करो, जिनके मुख पर वंदे मातरम और हाथ में गीता होती थी।
इसके बाद मोरारी बापू ने कथा के पांचवे दिन पनघटवृति तथा प्रभाव के तेज व स्वभाव के तेज के बारे में बताया। फिर उन्होंने श्री कृष्ण की मृत्यु का अनोखा विवरण दिया। बापू ने कहा- जिसमें अत्यंत क्रोध की भावना है उसमें अत्यंत करुणा की संभावना है। बापू ने मन की महाभारत के वर्णन में बताया, श्री कृष्ण से सरल चित्त आज तक विश्व में किसी का नहीं हुआ। कभी किसी संत को देखो तो ये मान लेना थोड़ी देर के लिए श्री कृष्ण को देख लिया। कृष्ण के महानिर्वाण का विवरण देते हुए बापू ने विस्तारपूर्वक एक-एक घटना का उल्लेख बेहद मार्मिकता से किया। बापू ने बताया कि तीन प्रकार के प्रभु का अवतरण होता है-पहला अवतार के रूप में, दूसरा बुद्ध पुरूष के रूप में तथा तीसरा ग्रंथ के रूप में। कथा के आखिर में बापू ने एक बार फिर मानव रचना शैक्षणिक संस्थान का धन्यवाद किया। इस अवसर पर मानव शिक्षण संस्थान की संरक्षिका सत्या भल्ला व चेयरमैन डा. प्रशांत भल्ला, वाइस प्रेजिडेंट डा. अमित भल्ला, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
Posted by: | Posted on: May 27, 2018

मोरारी बापू द्वारा श्रीराम कथा शुरू, हजारों लोगों ने लिया हिस्सा

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ): फरीदाबाद में मोरारी बापू द्वारा श्री राम कथा का आगाज हो गया है। कथा के पहले दिन 12 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। मोरारी बापू ने मानव रचना शैक्षणिक संस्थान और भल्ला परिवार का शहर में श्री राम कथा करवाने के लिए धन्यवाद किया।मोरारी बापू ने बताया कि वो यहां आने से पहले सोच रहे थे कि किस विषय पर यहां चर्चा की जाए। उन्होंने बताया कि वह इस नौ दिवसीय श्रीराम कथा में  मानस युग धर्म विषय पर सभी भक्तों से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि, भगवान राम की माया से प्रत्येक व्यक्ति के ह्रदय में चारों युग रोज आते –जाते रहते हैं। जो समझदार है जीवन में चारों युग को ढूंढते हैं और अधर्म को छोड़ कर अच्छे धर्म की तरफ जाते हैं। बापू ने बताया सर्वधर्म वो है जब कोई अपना धर्म जाने। जो आज से शुरुआत करेंगे वह युगधर्म है। उन्होंने बताया सुबह उठ कर तीन घंटे सबसे जरूरी हैं, वह सद्युग के दर्शन के सक्षण, उसके बाद तीन-चार घंटे त्रेता युग के सक्षम, फिर तीन-चार घंटे द्वापपर युग के सक्षम और फिर तीन-चार घंटे कलयुग के सक्षम। रामायण के आधार पर नौ जोड़ियां हैं, जो अगर अपना धर्म समझ लें, तो पूरा विश्व और समाज शआंति से भर जाए। वह नौ जोड़ियां हैं—- राजा और प्रजा की जोड़ी, पति और पत्नी की जोड़ी, भाई और भाई की जोड़ी, बाप और बेटे की जोड़ी, अध्यापक और विद्यार्थी की जोड़ी, जीव और शीव की जोड़ी, गुरु/सद्गुरू और शिष्या की जोड़ी, बहन और भाई की जोड़ी और श्रोता और वक्ता की जोड़ी। बापू ने बताया पहले दिन की कथा में ग्रंथ की चर्चा की जाती है। रामचरितमानस की रचना शिव ने की थी। पहले सोपान में पाँच मंत्र होते हैं। पहले शिव जी की वंदना, पार्वती की वंदना, हनुमान जी की वंदना, वाल्मीकि की वंदना, मां सीता की वंदना होती है। उन्होंने कहा गुरु वंदना से मानस का पहला पाठ शुरू होता है।कथा के दौरान बापू ने अपने अंदाज बताया कि हनुमान कभी बूढ़े नहीं हो सकते, मुझे कोई बूढ़ा कहे मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा, मर जाएंगे लेकिन बूढ़े नहीं होंगे।मोरारी बापू ने कथा सुनने आए हरियाणा कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, रामबिलास शर्मा, बीजेपी नेता गोपाल शर्मा, पवन जिंदल, मेयर सुमन बाला समेत सभी वरिष्ठ लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि, कुछ महीने पहले स्मृति ईरानी ने फोन कर विनती की, वह सीढियों पर बैठकर कथा सुनना चाहती हैं। बापू ने कहा कुर्सी पर तो पहले से ही हैं वह, उन्हें यह जानकर अच्छा लगा कि वह राम कथा का हिस्सा बनना चाहती हैं।  बापू ने बताया फरीदाबाद नगरी शेख फरीद के नाम पर है और यह फरीद निजामुद्दीन औलिया के गुरु हैं और उनके गुरु सलमी अली चिश्ती हैं। फरीदकोट और फरीदाबाद उनके नाम पर है। उन्होंने इस दौरान रमजान के पाक पर्व का भी जिक्र किया।

Posted by: | Posted on: May 25, 2018

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दनीय योजना के लिए जागरूकता अभियान चलाया

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ​)। एनआईटी-2 ब्लाक में डब्ल्यूसीडीपीओ विमलेश कुमारी के नेतृत्व में एनआईटी-2 ब्लाक के क्षेत्र में बेटी बचाओ बेटी पढाओं को लेकर विशाल रैली निकाली गयी व साथ ही साथ एनआईटी-2 ब्लाक की महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दनीय योजना का लाभ लेने व गर्भवती महिलाओं को जलद से जल्द आंगनवाडियो में नाम दर्ज कराने के लिए जागरूक किया गया।
इस अवसर पर विमलेश कुमारी डब्लयूसीडीपीओ ने रैली के दौरान लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे समाज में बेटा-बेटी को बिल्कुल समान दर्जा देना चाहिए। क्योकि आज हमारी बेटिया किसी भी क्षेत्र में बेटो से कम नहीं है। हर कार्य क्षेत्र में बेटियों बेओ के साथ मिलकर समाज को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण येागदान दे रही है। उन्होंने क्षेत्र की महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दनीय योजना के बारे में भी अवगत कराया एवं इस योजना का लाभ उठाने की अपील की। इन रैलियों व जागरूकता कार्यक्रमों में सुपरवाईजर स्मिता धीमान, सुनीता नागर, रेनू चौधरी ने अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई।

Posted by: | Posted on: May 25, 2018

‘सच्चाई, ईमानदारी एवं आत्मविश्वास ही शान्ति का मूलमंत्र है : प.राधारमण शास्त्री

फरीदाबाद ( विनोद वैष्णव ​)। ‘सच्चाइ्र्र, ईमानदारी एवं आत्मविश्वास अगर किसी के दिल में हो तो वह सदैव अपने जीवन शान्ति प्राप्त करता है और दूसरो को भी शान्ति प्रदान करने में सहायक बनता है यह उदगार प. श्री राधारमण शास्त्री जी ने पुरूषोत्तम मास के उपलक्ष्य में 5ए ब्लाक, श्री हरि मंदिर पार्क एनआईटी फरीदाबाद में विशाल श्रीमद भागवत कथा भक्ति ज्ञान समागम के 5वें दिन श्रृद्धालुओं को प्रवचन के माध्यम से बताया। प. श्री राधारमण शास्त्री ने कहा िक आज की इस भागदौैड़ की जिंदगी में कुछ समय प्रभु भक्ति के लिए निकाले तो अवश्य ही हमारा जीवन सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि माता पिता का मान और बडो का आदर करके हम अपने जीवन को पुण्य का भागीदारी बना सकते है और इसके लिए प्रत्येक को यह कसम लेनी चाहिए कि हमें अपने जीवन मेें सबसे बडी पूजा मात-पिता की सेवा है को ही अपना मकसद मानना है। उन्होंने आये हुए श्रृद्धालुओं को समाज के प्रति अपनी भागीदारी के लिए भी प्रोत्साहित किया और इस तरह के आयोजनो में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की। इस श्रीमद भागवत कथा के आयोजक 5ए ब्लाक आरडब्लयू के पदाधिकारियों ने बताया कि यह भागवत कथा का शुभारंभ 20 मई को हुआ था और 27 मई तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस भागवत कथा में रोजाना सैकडो श्रृद्धालुओं प. श्री राधारमण शास्त्री जी के प्रवचनो को सुनने आते है और उन पर अमल भी कर रहे है। उन्होंने बताया कि इस श्रीमद भागवत कथा में युवाओं की भागीदारी सबसे अधिक है जिसके लिए हम प. श्री राधारमण शास्त्री का आभार जताते है कि उनके प्रवचनो में इतनी शक्ति है कि युवा वर्ग अपने आप ही खींचा आ रहा है जो कि आज के इस युग की जरूरत है।उन्होने बताया कि 27 मई को रविवार हवन एवं विशाल भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें हजारो लोग इस प्रसाद को ग्रहण करेंगे इसका हमें पूर्ण विश्वास है।

Posted by: | Posted on: May 25, 2018

26 मई को शहर होगा राममय, मोरारी बापू करेंगे श्रीराम कथा

फरीदाबाद( विनोद वैष्णव ​):  शहर में मोरारी बापू द्वारा श्रीराम कथा शुरू होने जा रही है। 26 मई को कथा शाम 4:30 से 7:00 बजे तक होगी, वहीं 27 मई से मोरारी बापू सुबह 9:30 से दोपहर 01:00 बजे तक कथा करेंगे। श्रीराम कथा 3 जून को संपन्न होगी।

कथा की पूरी जानकारी के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई। इस दौरान मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला और वीपी डॉ. अमित भल्ला ने पत्रकारों को पूरी जानकारी दी। डॉ अमित भल्ला ने बताया कि, श्रीराम कथा को लेकर उन्हें सभी सस्थानों से सहयोग मिला हैं और वह इसके आभारी हैं। उन्होंने इस दौरान सभी आरडब्ल्यूए, रोड सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन, वोलंटियर्स, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं समेत सभी का धन्यवाद किया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि, सुरक्षा को लेकर कथा स्थल पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं और उसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। चिकित्सा के लिए सर्वोदय अस्पताल की ओर से कथा स्थल पर डिस्पेंसरी बनाई गई है, साथ ही सभी धर्मशालाओं के बाहर एंबुलेंस का भी इंतजाम किया गया है।

डॉ. प्रशांत भल्ला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि, रोजाना कथा में 15 हजार से ज्यादा राम भक्तों के आने की उम्मीद है। भक्तों को कोई परेशानी न हो इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सभी का रहने, खाने-पीने और उनके लिए आने-जाने के लिए नि:शुल्क बसों की पूरी व्यवस्था की गई है।

इस दौरान पर्फेक्ट बेक इंडस्ट्रीज के  एचके बतरा,  बीके सिंगला, आरके बंसल,  राजकुमार अग्रवाल समेत कई वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।

27 मई को कवि सम्मेलन का आयोजन

भक्त 27 मई शाम 5:30 से 7:30 बजे तक होने वाले कवि सम्मेलन में भी आमंत्रित हैं। कवि सम्मेलन देश के प्रसिद्ध कवियों:- प्रो. वसीम बरेलवी,परवाज़ जी , नईम अख्तर, तारिक़ कंवर, मुमताज़ नसीम, पंकज पलाश, निवेश साहू, अशोक पंकज, राज कौशिक द्वारा किया जा रहा है।