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आईएमआई – नई दिल्ली ने अपने 34 वीं वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया; उत्तीर्ण होने वाले 379 विद्यार्थियों को मिले डिप्लोमा
नई दिल्ली( विनोद वैष्णव )| भारत के अग्रणी प्रबंधन संस्थानों में से एक अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान आईएमआई- नई दिल्ली परिसर में अपने 34वें वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। “सस्टेनेबल लीडरशिप प्रति न्यू इंडिया” के रूप में कन्वोकेशन थीम के साथ इस आयोजन में न केवल भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी, पुडुचेरी की राज्यपाल सुश्री किरण बेदी, सहित सम्मानित अतिथियों के साथ कई और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे जिन्होनें भारत को एक महाशक्ति बनाने के लिए युवा प्रबंधकों में मजबूत मूल्य प्रणाली के होने पर विमर्श किया।दीक्षांत समारोह के दौरान, प्रीमियर बिजनेस स्कूल के 379 विद्यार्थियों को डिप्लोमा से सम्मानित किया गया। पीजीडीएम (2 वर्ष) कार्यक्रम से 234 विद्यार्थी, पीजीडीएम-एचआरएम (2 वर्ष) कार्यक्रम से 56 विद्यार्थी, पीजीडीएम (बीएंडएफएस) (2 वर्ष) कार्यक्रम के 62 विद्यार्थी, पीजीडीएम (पूर्व-पीजीडीएम) से 25 विद्यार्थी (15 महीने कार्यक्रम), और एफपीएम कार्यक्रम के 2 विद्यार्थी दीक्षांत समारोह में श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित किए गए।इस अवसर पर विद्यार्थियों को बधाई देते हुए, भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, “बाहर की दुनिया बहुत ही प्रतिस्पर्धी है और आप आगे जाकर कई चुनौतियों का सामना करते हैं। आज संस्थाएं उन चुनौतियों का सामना करने और सफलता देखने के लिए आवश्यककौशल वाले आने वाले नेताओं को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे कई अवसर होंगे जहां युवा प्रबंधकों के आत्म-विश्वासों को एक लिटमस टेस्ट से गुजरना होगा, लेकिन संस्थान द्वारा जो मूल्य उन्हें दिए जाएंगे, उनसे उनके द्रष्टिकोण में एक स्थायित्व पैदा होगा। देश का भविष्य अगली पीढ़ी के प्रबंधकों के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है। सामूहिक रूप से उनकी महत्वाकांक्षएं ही हैं जो इस देश में सफलता लाएंगी। मैं आईएमआई नई दिल्ली को बधाई देता हूं कि इन युवा प्रबंधकों को मैक्रो या माइक्रो लेवल पर किसी भी बदलाव का सामना करने के लिए मजबूती से तैयार किया गया है, जो यकीनन ही सरल तो नहीं होंगे, क्योंकि इसमें कई जटिलताएं और अनिश्चितताएं हैं।इस अवसर पर बोलते हुए, आईएमआई-नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. देबाशीस चटर्जी ने कहा, “आईएमआई नई दिल्ली ने समय के साथ विकास किया है और यह सामाजिक रूप से जिम्मेदार युवा नेताओं को विकसित और पोषण करने वाली एक संस्था बनने के रूप में उभरा है। आज के समय में, अकादमिक सफलता के साथ व्यावहारिक पहलुओं से भी शिक्षा देना बहुत जरूरी है जिससे हम व्यापार, समाज और स्थाई प्रगति की चुनौतियों काभी सामना कर पाएं। मैं सभी विद्यार्थियों उनके शैक्षणिक कैरियर के सबसे महत्वपूर्ण अवसर पर बधाई देता हूँ। हमारा विश्वास हैं कि हमारे विद्यार्थी समाज में एक विचारधारा का नेतृत्व करेंगे और संस्थान के तीन दशक की लंबी विरासत को आगे बढ़ाएंगे।”लेफ्टिनेंट पुडुचेरी के राज्यपाल डॉ. किरण बेदी ने विद्यार्थियों को देश के उभरते नियामकों के रूप में संबोधित किया और अपने जीवन में मूल्यों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मजबूत मूल्य प्रणाली को समझना और उसे अमल में लाना किसी भी सफल व्यक्ति और संगठन के लिए नींव है, वह डिग्री या क्षा जो उच्च मूल्य प्रणाली को विकसित नहीं करती है, सही ज्ञान नहीं है”आईएमआई, नई दिल्ली भारत में एक अग्रणी बिजनेस स्कूल के रूप में उभरा है। अप्रैल 2016 में भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा घोषित बिजनेस स्कूलों के लिए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के अनुसार, आईएमआई, नई दिल्ली को देश के सभी बी-स्कूलों में नंबर 7 पर और निजी व्यवसाय स्कूलों में नंबर 1 पर स्थान दिया गया है। आईएमआई नई दिल्ली की ताकत न केवल कई प्रबंधन विषयों में है, बल्कि इसमें फैकल्टी की टीम है और श्रेष्ठ संस्थानों का मजबूत नेटवर्क है, जो संस्थान को एक शानदार प्रबंधन संस्थान बनाता है।
तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थाअेां के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाने की मांग
जयपुर बेस्ड एचआर-टेक स्टार्टअप Worknrby ने अनोखा और इनोवेटिव जॉब सर्च पोर्टल डिजाइन किया है
श्री माता मनसा देवी व श्री काली माता मंदिर कालका में एक करोड़ 5 लाख 66 हजार 969 रुपये की राशि दान स्वरूप अर्पित की गई और 4 लाख 6 हजार 960 श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए
7 राज्यों के 2100 किलेामीटर में दिया बाइक रैली से कैंसर से बचाव का संदेश -आसाम के सिलचर में हुआ बाइक रैली का समापन
टाटा ट्रस्ट के कैंसर कार्यक्रम के मेडिकल डायरेक्टर डा.अरनी पुरुषेातम ने बताया कि टाटा ट्रस्ट् की और से कैंसर जैसी बीमारी की पहचान व उसके उपचार पर सहयोगी संस्थाअेां व सरकार के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। इसमें जन जागरुकता इत्यादि कार्यक्रमों का आयेाजन भी किया जाता है। कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को माना गया है। इससे मुंह व गले का कैंसर मुख्य है।
उन्होने बताया कि आसाम सरकार के साथ मिलकर ट्रस्ट की और से 17 नए सेंटर खेाले जा रहे है, ताकि कैंसर के रोगियों को अधिक उपचार की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
14.5 लाख कैंसर के मामले
जिस तरह भारत में कैंसर के हर साल करीब 14.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, उससे हर कोई चिंताग्रस्त है। यदि यूं ही इस जानलेवा बीमारी का प्रभाव तेजी से बढ़ता गया तो साल 2020 तक 17.3 लाख और नए मामले सामने आने का अनुमान है। हैरानीजनक बात ये है कि करीब 70 फीसदी मामलों में इस बीमारी का पता आखिरी स्टेज पर चलता है, जिसके परिणाम स्वरूप करीब 50 फीसदी रोगियों की मौत एक साल की अवधि में हो जाती है। आंकड़ों मुताबिक देश के पूर्वोत्तर राज्यों में आमतौर पर ओरल, ब्रस्ट व सरवाइकल कैंसर रोगियों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में नार्थ इस्ट में काफी अधिक है। इस तरह के कैंसर के पनपने की मुख्य वजह देरी से उपचार, कैंसर रोग के लक्षणों के प्रति जागरूकता की कमी तथा मनोवैज्ञानिक कारणों में डर व नियतात्मकता की कमी को माना गया है।
इस मौके पर कचार कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के डॉ. रवि कन्नन ने बताया कि करीब 50 फीसदी कैंसर और 90 फीसदी मुंह का कैंसर होने की मुख्य वजह तंबाकू है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर्स को इस बाइक रैली के जरिए जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित किया है। इस बाइक रैली का उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को इस बात के लिए सचेत करना कि सकारात्मक सोच के साथ इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।
वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी) अभियान की डायरेक्टर आशिमा सरीन ने कहा कि गेट्स (ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे) 2009-10 और 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर, असम और त्रिपुरा में तम्बाकू का उपभोग बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में गैट्स-1 के मुताबिक तम्बाकू उपभोग 54.1 प्रतिशत था जो कि गैट्स-2 में बढकर 55.1 प्रतिशत हो गया। ऐसी ही स्थिति असम में है जहां गेट्स-1 सर्वे के मुताबिक तम्बाकू की खपत 39.3 प्रतिशत थी, जो कि बढकर गेट्स-2 में 48.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं, त्रिपुरा में गेट्स-1 में 55.9 प्रतिशत से बढकर गेट्स-2 में 64.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कैंसर पीड़ित ने सुनाई आपबीती
इस अवसर पर कैंसर से पीड़ित एक 64 वर्षीय वृद्व ने बताया कि इन तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से किस प्रकार से जिंदगी नर्क बन जाती है। कैंसर का पता समयपूर्व नही चलने के कारण जिंदगी बद से बदतर हो जाती है। परिवार, समाज के साथ साथ रोजगार की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। वंही कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते इलाज में भी परेशानी आती है। इसलिए इस प्रकार के जहरीले कैंसर के कारकों से युवाअेां व अन्य को इससे दूर रहना चाहिए।
कैसर की रोकथाम के लिए बनेगा अलांयस
कैंसर रोग पर नियंत्रण के लिए एक अलायंस का गठन किया जायेगा, जिसमें सभी तरह के लोग होेंगे। इसके तहत 5 सालेां में नार्थ इस्ट के स्वास्थ्य के सिस्टम में सुधार लाने के प्रयास किए जांएगे। कैंसर के रोगियेां को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए भी इसमें सिस्टम को डवलप किया जाएगा।
ये है पार्टनर
इस बाइक रैली में राष्ट्रीय सेवा योजना (उत्तर पूर्व क्षेत्र), रोटरी जिला 3240, संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) गुरुग्राम, डॉक्टर्स फॉर यू, नेइग्राहिम्स (शिलांग), शिलांग वाणिज्य कॉलेज, मानभा फाउंडेशन, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बैपटिस्ट क्रिश्चियन अस्पताल (तेजपुर), अरुणाचल स्टेट हॉस्पिटल, असम मेडिकल कॉलेज, नागा हॉस्पिटल, रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिस (इम्फाल), मिजोरम कैंसर इंस्टीट्यूट, त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज का सहयोग मिल रहा है।
हिमालय फ़ूड इंटरनेश्नल लिमिटेड ने पेश किए भारत में अपने खास फ़ूड ब्रांड बर्गर्स ‘एन’ फ्राइज़: इट्स नॉट जंक फ़ूड
नई दिल्ली,(विनोद वैष्णव): भारत की सबसे अग्रणी खाद्य प्रसंस्करण, विनिर्माण और निर्यातक कंपनी हिमालय फूड इंटरनेशनल लिमिटेड ने भारतीय बाजार में अपने ख़ास तरह के सेहतमंद फास्ट फ़ूड ब्रांड ‘बर्गर्स’ एन फ्राईज – इट्स नॉट जंक फ़ूड पेश किए! अपनी लॉन्च के साथ ही हिमालया फ़ूड ने भारतीय ग्राहकों के लिए पौष्टिक, शुद्ध और चिकित्सीय गुणों से भरे प्राकृतिक और ग्लूटेन मुक्त शाकाहारी उत्पादों के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
40 वर्षों की एक समृद्ध विरासत के साथ हिमालय फूड इंटरनेशनल लिमिटेड, भारत के सबसे बड़े मशरूम उत्पादक के रूप में विकसित हुई है और इसने अमेरिकी बाजारों में भी अपनी पहचान का रूतबा कायम किया है। एक सेहतमंद बर्गर और फ्राइज़ के रूप में विकसित यह ब्रांड स्वाद से समझौता किए बिना फास्ट फूड के स्वस्थ संस्करण को खुशी और गर्व के साथ पेश करता है। हमारा लक्ष्य है अपने ग्राहकों के सामने सेहतमंद खाद्य उत्पाद लाना जिससे वे अपनी सेहत के बारे में और जागरूक हो सकें. इस उत्पादों को हाल ही में दिल्ली-एनसीआर कम्पनी के ही एक रिटेल आउटलेट में पेश किया गया है.
इस लॉन्च पर बात करते हुए हिमालय फूड इंटरनेशनल लिमिटेड के संस्थापक-सीएमडी मन मोहन मलिक ने कहा, “हिमालय पहले से ही वैश्विक स्तर पर चुनिन्दा बी 2 बी ग्राहकों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए सेहतमंद उत्पाद पेश कर रहा है। भारत में भी लोगों के बीच सेहत को लेकर आई जागरूकता को के कारण खानपान की बदलती आदतों को देखकर हमें यह लगता है कि इन उत्पादों को ‘बर्गर्स’ एन फ्राईज बैनर के अंतर्गत बनाना चाहिए और बाज़ार में बेचना चाहिए। हम ब्रांड की पहचान “इट्स नॉट जंक फ़ूड ” के रूप में और एक लोकप्रिय फास्ट फूड के लिए एक स्वस्थ विकल्प के रूप में बनाना चाहते हैं, इसी के साथ हम एक अखिल भारतीय फ्रैंचाइज श्रृंखला का निर्माण कर रहे हैं जो सीधे बीटूसी के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंच सकती है।
मलिक कहते हैं कि “हम अगले साल तक ‘बर्गर्स’ एन फ्राईज ‘ फ्रैंचाइज मॉडल के अंतर्गत 500 आउटलेट खोलने की योजना बना रहे हैं,”
एक सामाजिक रूप से जागरूक उद्यमी होने के नाते, हिमालय फूड पहले से ही देश के स्वस्थ फ्रोज़न खाद्य उद्योग में अग्रणी है और यह भारत में और विश्व स्तर दोनों पर बी 2 सी उपभोक्ताओं के लिए एक प्रमुख ब्रांड और फ़ूड जायंट बन गया है। ‘बर्गर्स’ एन फ्राईज के अंतर्गत विकसित इसके नए-लॉन्च किए गए फ्रेंचाइज विकल्पों में पूरी तरह से प्राकृतिक, प्रिज़र्वेटिव मुक्त और पशुवसा मुक्त हिमालय प्रोडक्ट्स के सेहतमंद उत्पाद सम्मिलित हैं, जिनमें ऐपेटाइज़र, वेगीज़, मशरूम और कॉटेज पनीर बर्गर शामिल हैं, साथ ही सेंधा नमक, मसाला और लहसुन काली मिर्च फ्राईज़ ख़ास तौर पर स्वस्थ, थेरेपेटिक, जलन न पैदा करने वाले शीतल पेय भी हैं।
डॉ. राजू चड्ढा से मिले बुर्किना फासो के राष्ट्रपति
कैंसर सर्जन मोटर बाइक रैली से करेंगे कैंसर के प्रति जागरूक -पूर्वोत्तर के पांच राज्यों से गुजरेगी बाइक रैली
बारात की बिदाई के समय बजा राष्ट्रगान तो बारातियों के साथ दूल्हे राजा भी सावधान की मुद्रा में हुए खड़े
भनकपुर सिरदारी में सरपंच सचिन मडोतिया,मनोज खण्डेलवाल, गंगा रावत,श्री पहलवान, मा रामपाल,बोधराज नेताजी,,शेरसिंह मडोतिया,रामसिंह, ओमप्रकाश,बाबूलाल एम्स, महिपाल,संजय,अजय खरल आदि सैकड़ो ग्रामीण की महिलाएं व पुरूष उपस्थित थे।
बाइक रैली के जरिए डॉक्टर्स करेंगे कैंसर के प्रति जागरूक
नई दिल्ली( विनोद वैष्णव )। जिस तरह भारत में कैंसर के हर साल करीब 14.5 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं, उससे हर कोई चिंताग्रस्त है। यदि यूं ही इस जानलेवा बीमारी का प्रभाव तेजी से बढ़ता गया तो साल 2020 तक 17.3 लाख और नए मामले सामने आने का अनुमान है। हैरानीजनक बात ये है कि करीब 70 फीसदी मामलों में इस बीमारी का पता आखिरी स्टेज पर चलता है, जिसके परिणाम स्वरूप करीब 50 फीसदी रोगियों की मौत एक साल की अवधि में हो जाती है। आंकड़ों मुताबिक देश के पूर्वोत्तर राज्यों में आमतौर पर ओरल, ब्रस्ट व सरवाइकल कैंसर रोगियों की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में नार्थ इस्ट में काफी अधिक है। इस तरह के कैंसर के पनपने की मुख्य वजह देरी से उपचार, कैंसर रोग के लक्षणों के प्रति जागरूकता की कमी तथा मनोवैज्ञानिक कारणों में डर व नियतात्मकता की कमी को माना गया है।
इन पूर्वोतर राज्यों में कैंसर रोग के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए टाटा ट्रस्ट और कचर कैंसर अस्पताल तथा वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी)के संयुक्त तत्वावधान में 12 से 22 मार्च तक बाइक रैली का आयोजन करेगी। यह कैंसर जागरूकता बाइक रैली सात राज्यों के प्रमुख शहरों से गुजरेगी। हर रोज पांच किलोमीटर कैंसर अवेयरनेस रन हेागी, जिसमें कैंसर रोग विशेषज्ञ, कैंसर पीड़ित और स्थानीय सरकार के मंत्री स्तर के मेहमान शामिल होंगे। इसके अलावा गुवाहाटी, डिब्रुगढ़, तेजपुर और सिलचर में मेडिकल स्टूडेंट्स और नर्सिंग स्टाफ के लिए कैंसर अनुसंधान पर कार्यशाला का आयेाजन भी किया जाएगा। 12 मार्च को बाइक राइड एण्ड रन रैली सिलचर से रवाना होगी, जो कि शिलांग, गुवाहाटी, तेजपुर, इटानगर, डिबू्रगढ़, कोहिमा, इम्फाल, आइजवाल, अगरतला होते हुए सिचलर में 22 मार्च को सम्पन्न होगी। यह रैली दस दिन में करीब 2100 किमी. की दूरी तय करेगी।
इस मौके पर कचार कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र के डॉ. रवि कन्नन ने बताया कि करीब 50 फीसदी कैंसर और 90 फीसदी मुंह का कैंसर होने की मुख्य वजह तंबाकू है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टर्स को इस बाइक रैली के जरिए जागरूकता पैदा करने के लिए प्रेरित किया है। इस बाइक रैली का उद्देश्य कैंसर के प्रति लोगों को इस बात के लिए सचेत करना कि सकारात्मक सोच के साथ इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है। ये बाइक सवार छोटे कस्बों, गांवों और बड़े शहरों में लोगों और संगठनों के साथ बातचीत करेंगे। रैली के दौरान प्रतिभागी मंत्रियों, चिकित्सकों व अन्य राजनेताओं को कैंसर के प्रति जागरूक तो करेंगे ही साथ ही उन्हें इसके रिस्क फैक्टर, इस रोग के लक्षण और बचाव के बारे में विस्तारपूर्वक बताया जाएगा।
वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी) अभियान की डायरेक्टर आशिमा सरीन ने कहा कि प्रत्येक स्थान पर डॉक्टर और कैंसर पीड़ि़त लोग अपने अनुभव शेयर करेंगे। इसके जरिए आमजन को यह बताने का प्रयास होगा कि यदि समय रहते इस रोग का पता लगा लिया जाए तो उसका उपचार काफी हद तक सभव हो सकता है।
उन्होंने बताया गेट्स (ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे) 2009-10 और 2016-17 की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर, असम और त्रिपुरा में तम्बाकू का उपभोग बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में गैट्स-1 के मुताबिक तम्बाकू उपभोग 54.1 प्रतिशत था जो कि गैट्स-2 में बढकर 55.1 प्रतिशत हो गया। ऐसी ही स्थिति असम में है जहां गेट्स-1 सर्वे के मुताबिक तम्बाकू की खपत 39.3 प्रतिशत थी, जो कि बढकर गेट्स-2 में 48.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं, त्रिपुरा में गेट्स-1 में 55.9 प्रतिशत से बढकर गेट्स-2 में 64.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सरीन ने बताया कि बाइक रैली, वर्कशॉप के माध्यम से डॉक्टरों, मंत्रियों, नेताओं और अन्य लोगों ने विभिन्न तरह से लोगों को कैंसर और तम्बाकू के दुष्प्रभाव से अवगत कराया है, जो कि लोगों को तंबाकू छोडने और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
इस बाइक रैली में राष्ट्रीय सेवा योजना (उत्तर पूर्व क्षेत्र), रोटरी जिला 3240, संबंध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) गुरुग्राम, डॉक्टर्स फॉर यू, नेइग्राहिम्स (शिलांग), शिलांग वाणिज्य कॉलेज, मानभा फाउंडेशन, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बैपटिस्ट क्रिश्चियन अस्पताल (तेजपुर), अरुणाचल स्टेट हॉस्पिटल, असम मेडिकल कॉलेज, नागा हॉस्पिटल, रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंसिस (इम्फाल), मिजोरम कैंसर इंस्टीट्यूट, त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज का सहयोग मिल रहा है।