सांस्कृतिक संध्या उत्तर प्रदेष की मषहूर गायिका मालिनी अवस्थी के पूर्वांचली गीतों से सराबोर हो गई

Posted by: | Posted on: February 4, 2018
सूरजकुण्ड, ( विनोद वैष्णव ) | 32वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में चैपाल पर प्रस्तुत की गई तीसरे दिन रविवार की सांस्कृतिक संध्या उत्तर प्रदेष की मषहूर गायिका मालिनी अवस्थी के पूर्वांचली गीतों से सराबोर हो गई। हरियाणा विधानसभा के मुख्य सचेतक एवं विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि पधारकर इस कार्यक्रम का दीपषिखा प्रज्जवलित करके शुभारंभ किया। उनके साथ लाडवा के विधायक पवन सैनी भी प्रमुख रूप से मौजूद थे।मालिनी अवस्थी ने कार्यक्रम की शुरूआत सर्वदेवी माॅ की आराधना में उडी जाओ रे सुगना जमना पार-गंगा पार, मनाए लाओं देवी को, चांदी की गिलसिया में पानी परोसा, पिलाए लाओ देवी को गीत से की। इसके बाद उन्होंने भगवान श्रीराम के जन्म के मौके पर रूठी दाई के भाव चित्रण को पिता राजा दषरथ के समक्ष व्यक्त करते हुए गीत गाया-मचल रही, झगड रही, आज मगनवा दाई, ले जाओ राम उठाई, दर्षन देओ रघुराई गाकर दर्षकों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने लगभग दो दर्जन नन्हें बच्चों को मंच पर बुलाकर रेलगाडी का रूप दिया और रोजगार परदेस जाने पर पत्नी की विरह वेदना को पारंपरिक बुंदेलखंडी गीत के माध्यम से व्यक्त किया-रेलिया बैरन पिया को लिये जाई रे, जोन से टेसनवा पिया मोरे जाई रे, पानी बरसे टेसनवा गल जाई रे, जोने शहरवा को पिया मोरे जाई, आग लग जाए शहर जल जाई रे, जोने साहब के पिया मौरे नौकर, गोली दागे साहब मर जाई रे। इस गीत के बीच रेल के डिब्बे रूपी बच्चों को लेकर मालिनी अवस्थी का मंच से उतरकर दर्षक दीर्घा से होकर गुजरना दर्षकों को अत्यंत मनोहारी लगा। इसके बाद उन्होंने मथुरा-वृदांवन क्षेत्र में मनाई जाने वाली लठमार व रंगारंग होली पर्व के चित्रण को-आज बिरज में होरी से रसिया, मगरोरी रे रसिया, होरी रे रसिया सहित उत्तर प्रदेष के बृज मंडल क्षेत्र के अलावा कानपुर, लखनउ,  इलाहाबाद, बुंदेलखंड व अन्य कई नगरों की पारंपरिक गायकी की छटा को अत्यंत आकर्षक अंदाज में अपने गीतों की लडियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रवीण कुमार व अषोक खेमका, मेला प्रषासक एवं हरियाणा पर्यटन के अतिरिक्त प्रबंध निदेषक सुधांषु गौतम, जिला के एडीसी जितेन्द्र दहिया तथा डीसीपी विक्रम कपूर सहित कई अन्य अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस मनोहारी सांस्कृतिक संध्या का आनंद लिया।




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