हरियाणा बैरागी सभा की ओर से आयोजित 302वें वीर बंदा बहादुर बैरागी शहीदी दिवस समारोह में आये मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर

Posted by: | Posted on: June 11, 2018

पानीपत ( विनोद वैष्णव ) । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को पानीपत की अनाज मंडी में  हरियाणा बैरागी सभा की ओर से आयोजित 302वें वीर बंदा बहादुर बैरागी शहीदी दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि महापुरूषों और शहीदों को किसी भी एक जाति और समाज से नहीं बांधा जा सकता।  वीर बंदा बहादुर बैरागी एक ऐसे वीर योद्धा थे, जिन्होंने अपना जीवन देश और समाज के लिए अर्पित किया।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि बैरागी समाज में इतिहास और संस्कृति को आगे बढ़ाने के गुण है। उन्होंने अपने आपको ऐसे पूर्वजों से जोड़ते हुए कहा कि वीर बंदा बहादुर बैरागी  के साथ जिन 749 सैनिकों ने अपनी शहादत दी थी, उनमें से एक उनके पूर्वज भी थे। वे भी उस वंशावली से सम्बन्ध रखते हैं। उनकी वीर गाथा को सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।  वीर बन्दा बहादुर बैरागी ने अपनी और अपने बेटे की शहादत इस देश के लिए दी। उन्होंने वीर बन्दा बहादुर बैरागी और महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़े प्रसंगों के बारे में भी उपस्थित लोगों को जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार योग्यता के आधार पर और बिना किसी भेदभाव के सरकारी नौकरियां दी हैं। अपनी योग्यता के आधार पर बैरागी समाज के करीब 200 से ज्यादा युवा सरकारी नौकरी में आएं हैं। यह समाज लोगों को संस्कार और संस्कृति देने का काम करता आया है। सरकार की ओर से समाज में शिक्षा के सुधार और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए काम किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सात जिलों में अंतोदय भवन खोले हैं और 15 जिलों में शीघ्रता से खोले जाएंगे। इसके साथ इन्हें उपमण्डल स्तर और खण्ड स्तर पर भी खोलने की योजना है। इनके खुलने से लोगों को अपने कार्य से सम्बन्धित सभी योजना जिनका लाभ वह उठाना चाहता है, वह उसका पात्र है या नहीं। यह भी पता चल सकेगा और इन केन्द्रों पर ही लोगों को आवेदन जमा करवाने की सुविधा भी मिलेगी तथा लोगों को बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे।

बैरागी समाज की ओर से रखी गई मांगों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पानीपत के गांव बराणा की आईटीआई व सोनीपत के सामुदायिक केन्द्र का नाम वीर बंदा बहादुर बैरागी के नाम पर रखने, शाहबाद-बराड़ा और कपालमोचन-लोहगढ़ मार्गों पर एक-एक बड़ा द्वार वीर बंदा बहादुर बैरागी के नाम पर बनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बैरागी समाज के लिए जींद और भिवानी में बनने वाली धर्मशालाओं के लिए क्रमश: 21 व 11 लाख रूपये देने की भी घोषणा की। उन्होंने रोहतक के हाई स्कूल को 12वीं तक करने के लिए तय मानकों में छूट प्रदान करने के लिए भी कहा। मुख्यमंत्री ने इस स्कूल तक 500 मीटर का रास्ता पक्का करने की भी बात कही। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दोहलीदार (भूमि) एक्ट में संशोधन और भौंडीदार को भी इस एक्ट में जोडऩे की बात पर इसकी जांच करवाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने बैरगी समाज की ओर से रखी गई अन्य मांगों पर भी सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।

परिवहन एवं आवास मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पहली बार रविदास, कबीरदास, बाल्मिकी जयंती के साथ-साथ सरकारी तौर पर सभी महापुरूषों की जयन्तियां मनाने का कार्य किया है। घूमन्तु जातियों के उत्थान के लिए पहली बार आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयोजकों को बधाई दी।

हरियाणा बैरागी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र बैरागी ने समाज की ओर से मांग पत्र रखते हुए कहा कि प्रदेश में बैरागी समाज की जनसंख्या छ: लाख के करीब है। समाज पिछड़ा होने का मुख्य कारण राजनैतिक दृष्टि से इन्हें उचित स्थान न मिलना भी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे समाज के उत्थान के लिए ज्यादा से ज्यादा योगदान सरकार की ओर से दें ताकि लोगों का जीवन स्तर उपर उठ सके।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर व वीर बन्दा बहादुर बैरागी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इस मौके पर स्थानीय विधायक रोहिता रेवड़ी, महीपाल ढांडा, असंध के विधायक बख्शीश सिंह, गुरूग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल,मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन, बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संजय भाटिया व वेदपाल, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष निर्मला बैरागी, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मदन चौहान, ओबीसी महिला मोर्चा की अध्यक्ष उषा प्रियदर्शी, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रमोद विज, पूर्व जिला अध्यक्ष गजेन्द्र सलूजा, आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख राजेश गोयल, नीतिसैन भाटिया, श्रम विभाग के वाइस चेयरमैन हरी गौतम, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष डॉ0 अर्चना गुप्ता,युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मेघराज गुप्ता, रामनिवास आर्य, बलवान बैरागी, सतनारायण बैरागी, दयासिंह व राजसिंह बैरागी आदि उपस्थित रहे।

मांगें मनवाने को बैरागी सभा के प्रधान ने सीएम को किया मंच पर दंडवत प्रणाम

बैरागी समाज की मांग पर सीएम ने पानीपत के गांव बराना की आईटीआई व सोनीपत के सामुदायिक केंद्र का नाम वीर बंदा बैरागी के नाम पर रखने, शाहबाद-बराड़ा और कपालमोचन-लोहगढ़ मार्गों पर एक-एक बड़ा द्वार वीर बंदा बैरागी के नाम पर बनाने की घोषणा की। सीएम ने बैरागी समाज के लिए जींद और भिवानी में बनने वाली धर्मशालाओं के लिए 21 व 11 लाख रुपए देने की भी घोषणा की।

 

स्वागत से पहले रिहर्सल

सीएम के मंच पर आने से पहले बैरागी समाज के लोगों ने दो मिनट स्वागत की रिहर्सल की। दोनों हाथ ऊपर कर दो मिनट तक ताली बजाते रहे। प्रदेश भर में बैरागी समाज की आबादी छह लाख के करीब है।

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सीएम के समक्ष रखी गई मांगें -पानीपत असंध रोड और बराना आइटीआइ का नाम वीर बंदा बैरागी के नाम पर रखा जाए।

-हर जिले में एक पार्क और एक चौराहे का नाम वीर बंदा बैरागी हो।

-डोलीदार (भूमि) एक्ट में संशोधन कर डोलीदार और भौंडीदार को मालिकाना हक दिया जाए।

-पानीपत शहर में बंदा बैरागी भवन के लिए अलग से जगह हो।

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झलकियां :

-मंच से संबोधन के दौरान सीएम ने दो बार जोगी समाज का नाम लिया। बैरागी समाज के लोग विरोध जताने लगे।

-मांगपत्र पढ़ने के दौरान बैरागी समाज के प्रधान नरेंद्र भावुक हो गए।

-मंच से आवाज बुलंद की, हमारा राजा कैसा हो.भगवान स्वरूप मनोहर लाल जैसा हो।

-पंडाल में दो बार शोर शराबा होने लगा, समाज के लोग और पुलिस अधिकारियों ने शांत कराया।

 

 

 

( विरोध )

एनएफएल गेस्ट हाउस में सीएम से मुलाकात के दौरान हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गुरदीप ¨सह रंभा, अंग्रेज ¨सह पन्नू और असंध के विधायक बख्शीश ¨सह विर्क ने कहा कि बंदा बहादुर के 302 वें श्रद्धांजलि समारोह में पोस्टर गलत छपवाया गया। सिख के रूप में शहादत देने वाले बाबा बंदा ¨सह के नाम से उन्हें संबोधित किया जाना चाहिए। बाबा के नाम में बैरागी जोड़ना गलत है। सीएम ने कहा कि इस बारे में वे प्रबंधकों से बात करेंगे। पन्नू ने कहा कि पानीपत आते समय पुलिस ने उन्हें परेशान किया। मधुबन में उनकी गाड़ी रोक ली। काफी देर तक बिठाए रखा।

 

सिख बहादुर कहें आपत्ति नहीं वीर बंदा बैरागी भी थे: बैरागी

हरियाणा बैरागी सभा प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र बैरागी के मुताबिक, सिख भी अपनी जगह ठीक हैं और हम भी। सिख, उन्हें बहादुर कहें हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं। लेकिन वह वीर बंदा बैरागी भी थे। वैसे- योद्धा किसी एक समाज के नहीं होते। योद्धाओं को एक समाज में बांधना गलत है।

 

 





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