शिवचरण लाल शर्मा के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुडडा ने आज उनके निवास पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

Posted by: | Posted on: September 14, 2018

फरीदाबादफरीदाबाद ( विनोद वैष्णव )। हरियाणा के पूर्व मंत्री पं. शिवचरण लाल शर्मा के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चै. भूपेन्द्र हुडडा, पूर्व मंत्री आफताब अहमद, मंत्री सुखवीर कटारिया, तिगांव के विधायक ललित नागर, पूर्व विधायक शिव कुमार भारद्वाज, पूर्व पार्षद योगेश ढींगड़ा, ओमप्रकाश रक्षववाल, सुरेन्द्र बबली, ललित शर्मा, मीहिर सिंह, मंगल जीत, कन्हैया लाल वशिष्ठ, महेन्द्र सिंह, सुभाष शर्मा, प्रकाश मौहताबाद, सरदार कुलवंत सिंह, सरदार किरपाल सिंह, मनोज भटी, पंकज शर्मा, सुरेन्द्र भडाना, जोगेन्द्र, जय सिंह, एम पी, मदनलाल शर्मा, सुरेन्द्र अहलावत, प्रभु दयाल, पप्पू डबुआ, महेश बिछौरिया, कृष्ण सहरावत, बबली प्रधान, विनो वर्मा, प्यारे हलवाई, लियाकत सहित सैकड़ों पंड़ित जी को चाहने वाले एनआईटी विधानसभा निवासियों ने आज उनके निवास पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की तथा पंड़ित जी के परिवार को इस दुख की घड़ी मंें धैर्य धारण करने की रक्षववाल, पूर्व उपमहापौर राजेन्द्र भामला तथा पत्रकार भारत भूषण, हरी प्रसाद,, शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री चै. भूपेन्द्र हुडडा ने कहा कि पंड़ित शिवचरण लाल शर्मा एक विशाल व्यक्तित्व के धनी तथा जमीन से जुड़े नेता थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाजसेवा में अर्पित कर रखा था। मेरे कार्यकाल के दौरान पंड़ित परिवार ने अपने लिए कुछ नहीं मांगा जो मांगा एनआईटी-86 की जनता के लिए मांगा जो मैंने दिया। मेरे कार्यकाल में हरियाणा अगर नंबर-1 पर था तो पंड़ित जी ने अपने कार्यकाल में एनआईटी-86 को नंबर बना दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंड़ित जी जमीन से जुडे हुए नेता थे और उन्हें श्रमिक व मजदूर वर्ग से बहुत से प्यार था। इसलिए उन्होंने मेरे कार्यकाल में श्रम मंत्री तक का ओहदा संभाला तथा पूरे हरियाणा में श्रमिक व मजदूर वर्ग के हितों के लिए कई बड़ी परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाया जिनका लाभ आज भी श्रमिक व मजदूर वर्ग को मिल रहा है। इस दौरान पूर्व सीएम कुछ देर के लिए भावुक भी हो गए। चै. भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने पंड़ित जी धर्मपत्नी माया शर्मा से भी मुलाकात की तथा उन्हें ढंाढ़स बंधाया और कहा कि अब इस परिवार के प्रति मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है जिसे मैं तमाम उम्र निभाउंगा।





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