उच्च शिक्षा के गिरते स्तर के कारण क्या हे जानिए तिगांव कालेज के प्रिंसिपल इकबाल सिंधु से

Posted by: | Posted on: May 25, 2019

  1. Semester System :-
    महत्वपूर्ण तथ्य Semester System है, जिसके कारण दो बार परीक्षाएं होती है, दो बार प्रेक्टिकल होते है , अत: सभी कार्य दो बार होने के कारण इन प्रक्रियाओं में दोगुना समय लगता है , जो कि समय की बर्बादी है , एवं सरकारी धन की बर्बादी है, यदि यह Semester System बंद हो जाये तो समय एवं धन की बचत होगी जो कि बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए प्रयोग किया जायेगा क्योंकि कम समय का जो Semester System Fix किया गया है उससे विद्यार्थियों को पूरा समय पढाई के लिए नही मिल पाता और जल्दबाजी की पढाई के कारण शिक्षा स्तर गिरता है |
  2. Shortage of Staff (Teaching & Non Teaching)
    दूसरा तथ्य कम दूरी पर नए महाविद्यालय खोलने के कारण प्राध्यापकों एवं सहयोगी स्टाफ की कमी होती जा रही है, नए 31 महाविद्यालयों की पढाई पूरी तरह पुराने महाविद्यालयों के Deputed स्टाफ पर निर्भर करती है जिससे ये Deputed स्टाफ न तो अपने महाविद्यालय में और न ही नए महाविद्यालय में पूरा समय दे पाते है , केवल खानापूर्ति के कारण भी शिक्षा का स्तर गिर रहा है, अध्यापकों की कमी को यदि पूरा कर दिया जाये और सहयोगी स्टाफ पूरी तरह प्रत्येक महाविद्यालय को उसकी आवश्यकता अनुसार दिया जाये तो शिक्षा का स्तर सुधारने में मदद मिल सकती है |
  3. Examination system :- To shift students from Lower grade to upper grade without passing papers.
    विश्वविद्यालय के Re appears को भी प्रमोट करने के नियम ने शिक्षा के स्तर को गिराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, क्योंकि बिना पास हुए विद्यार्थी जब अगली कक्षा में आ जाते है तो वो पढाई के प्रति गंभीर नहीं होते |
  4. Extra Burden on Teaching Staff of Non Teaching work.
    आजकल प्राध्यापकों पर अन्य Non teaching work का इतना अधिक बोझ आता जा रहा है कि उनका मुख्य शिक्षण का कार्य पूरी तरह प्रभावित होता है , और वे मुख्यतः पेपर वर्क में ही उलझे रहते है जो की शिक्षा स्तर गिरने का एक प्रमुख कारण है |
  5. Problems in Basic Education
    ` महाविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की विद्यालयी शिक्षा का स्तर अत्यंत निम्न होता है जिससे वे उच्च स्तरीय शिक्षा पूर्णत: लेने में सक्षम नही रहते | अत: विद्यार्थियों की मूल शिक्षा पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है जिससे वह उच्च शिक्षा के विषयों को सरलता से ग्रहण कर सके |




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