आरडब्ल्यूए सेक्टर 56-56 ए के प्रधान एवँ जजपा नेता डॉ सतीश फौगाट की शिकायत पर चौकी इंचार्ज को अतिरिक्त गश्त के आदेश

Posted by: | Posted on: December 11, 2020

सेक्टर 56 : खुले में शराब पीने की शिकायत पर आयुक्त हुए सख्त

फरीदाबाद (विनोद वैष्णव)। सेक्टर 56 क्षेत्र में खुले में शराब पीने वालों की अब शामत आने को है। पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने इस बारे में सीधे चौकी इंचार्ज सेक्टर 55 को अतिरिक्त गश्त लगाने और कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस आयुक्त ने यह कार्रवाई आरडब्ल्यूए सेक्टर 56-56 ए के प्रधान डॉ सतीश फौगाट की शिकायत पर की।

पुलिस आयुक्त ने आज जिले के विभिन्न क्षेत्र के प्रबुद्ध व्यक्तियों को मशविरा करने के लिए बुलाया था। इनमें शामिल डॉ सतीश फौगाट ने उन्हें बताया कि सेक्टर 56 से होकर औद्योगिक सेक्टरों 24, 25, 58, 59 की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर खुले स्थान पर बड़ी मात्रा में सीवर के ढक्कन आदि सामान पड़े हुए हैं। जहां पर शाम के समय नशाखोर व्यक्ति खुले में बैठकर शराब का सेवन करते हैं। जिससे यहां से गुजरने वालों को असमंजस, डर और शर्मसार होने का सामना करना पड़ रहा है। इस पर लगाम लगाई जाए।

डॉ फौगाट ने बताया इस क्षेत्र में पिछले साल एक व्यक्ति को शराबियों ने मारकर सीवर में डाल दिया था। जिसकी बाद में सड़ी गली लाश पुलिस ने बरामद की थी। इस प्रकार की घटनाओं की कहीं पुनरावृत्ति न हो जाए, इसलिए यहां पर सख्ती की आवश्यकता है।

इस पर जिला पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने मौके पर सेक्टर 55 पुलिस चौकी इंचार्ज को फोन कर संबंधित क्षेत्र में अतिरिक्त गश्त लगाने और सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि शराब खुले में पीने की चीज नहीं है। इस पर तुरंत लगाम लगाई जाए और शाम के समय पांच से सात बजे तक अधिक ध्यान दिया जाए। इस अवसर पर डीसीपी हैडक्वार्टर डॉ अर्पित जैन, एसीपी हैडक्वार्टर अर्शदीप सिंह सहित विभिन्न थाना क्षेत्रों से मौजिज व्यक्ति शामिल थे।


फरीदाबाद में लॉकडाउन के बाद पीयूष महिंद्रा मॉल में खुला नया पीवीआर उत्सव

Posted by: | Posted on: December 11, 2020

पीवीआर ने उत्तरी भारत में अपना सब-बांड ‘पीवीआर उत्सव’ का आरंभ किया

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव) । कोविड 19 लॉकडाउन के बाद देश व्यपार जगत अब धीरे धीरे अपनी गति पकड़ने लगा है। पीवीआर सिनेमा, भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रीमियम फिल्म प्रदर्शनी कंपनी ने आज फरीदाबाद में पीयूष महिंद्रा मॉल में अपने सब-ब्रांड “पीवीआर उत्सव” के तहत अपनी तीन स्क्रीन लांच किया है । पीवीआर उत्सव ने सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए इस सिनेमा को फरीदाबाद में शुरुवात की है। क्षेत्र में सिनेमा मनोरंजन की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्तर दो और स्तर तीन के बाजारों में एक आधुनिक सिनेमाई अनुभव प्रदान करने के लिए पीवीआर उत्सव की रूप-रेखा बनाई गई है। तीसरे पीवीआर उत्सव के उद्घाटन के साथ, पीवीआर हरियाणा में 35 स्क्रीन और उत्तरी भारत में 258 स्क्रीन हैं।

स्वास्थ्य सुरक्षा और आदर्शों का कड़ाई से पालन करते हुए पीवीआर अपने ग्राहकों को अपने सभागारों के भीतर इष्टतम और बेहतर वायु गुणवत्ता बनाए रखने के साथ-साथ स्वस्थ हवा में सांस लेने की गारंटी देता है। तिगुना-ऊँचाई छत के साथ विशाल मूवी हॉल, ताजी हवा के बढ़ते सेवन के साथ हवा की गुणवत्ता में सुधार, हर शो के शुरू होने से पहले किए गए गहन स्वच्छता, तापमान और आर्द्रता के स्तर को बनाए रखना और बैठने में सामाजिक दूरी के सुरक्षा उपाय हैं जो मिलकर मेहमानों और कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करते हैं। निजी शो, ऑनलाइन और ऑफलाइन ऑफर और सदस्य विशिष्ट छूट लॉकडाउन के उपरान्त फिल्मों की तरफ रूख करने वाले ग्राहकों के पैकेज को अधिक मधुर बनाएँगे।

शहर के औद्योगिक और आवासीय हब में स्थित मल्टीप्लेक्स राजधानी से उत्कृष्ट कनेक्टिविटी रखता है। 3-स्क्रीन सिनेमा 620 दर्शकों के बैठने की क्षमता के साथ 16242 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला है। इसके अतिरिक्त, नई संपत्ति को आधुनिक इन-सिनेमा प्रौद्योगिकियों जैसे 2K प्रक्षेपण प्रणाली, डॉल्बी 7.1 साउंड और यूएचडी 3डी तकनीक के साथ एकीकृत किया गया है, जो एक उत्कृष्ट सिनेमा देखने के अनुभव को सुनिश्चित करता है। हरियाणा की स्थानीय कला से प्रेरणा लेते हुए, संपत्ति को रूप रेखा और शैली पुंजा ड्यूरिस की कला अवधारणा से प्रेरित है। पीवीआर का स्वागत योग्य सिनेमा परिवेश, क्षेत्र के स्वादानुसार विविध भोजन और पेय व्यंजन सूची और एक विशाल प्रतीक्षा कक्ष आपको एक विशेष अनुभव प्रदान करेगा।

इस के साथ पीवीआर के 71 शहरों में 835 की कुल स्क्रीन हैं। पीवीआर लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक, संजीव कुमार बिजली ने ने कहा, कि “यह वायरस के प्रकोप और उसके बाद लॉकडाउन बाद से शुरू होने वाला हमारा पहला सिनेमा है। उन्होंने कहा की धीरे-धीरे अब स्थिति सुधर रही है और अब उनके ग्राहक भी वापस लौट रहे है जोकि हमारे लिए बहुत ख़ुशी की बात है। पीवीआर उत्सव हमारे अनूठे अर्पणों में से एक है जिसकी रूप रेखा छोटे बाजारों में दर्शकों के बढ़ते प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। हम फरीदाबाद में पहली बार उद्घाटन के साथ उत्तरी भारत में इसकी शुरूआत की घोषणा करते हुए प्रसन्न हैं जो क्षेत्र की जनसांख्यिकीय आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है यह भारत में तीसरा उत्सव सिनेमा है जो महानगरों से परे पीवीआर के शब्दावली को विस्तारित करने और व्यापक दर्शक आधार को पूरा करने के लिए विकास योजना के अनुरूप है।”

पीवीआर सिनेमा के मुख्य प्रवर्तन अधिकारी (सीईओ) गौतम दत्ता ने कहा “हम इस साल अधिक खुशी और बहुत अधिक जिम्मेदारी के साथ अपने ग्राहकों की ओर लौट रहे है। एक तरफ हम स्वच्छता के उच्चस्तरीय मानकों से अपने ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते है तो वहीँ दूसरी तरफ हम उनके लिए और अधिक नया और अभिनव अनुभव कराएँगे। उत्सव, जैसा कि नाम से पता चलता है, सिनेमा का लुत्फ उठाने और आधुनिक सिनेमाघरों से अपने छोटे बाजारों के प्रिय ग्राहकों को आनन्दित करने की कोशिश है। आज की दुनिया में अच्छे अनुभव और गुणवत्ता की मांग हर जगह है। इसलिए कई प्राथमिकताओं को शुरू करने की प्रवृत्ति को बनाए रखते हुए हमने विशेष रूप से गुणवत्ता और सुविधाओं से समझौता किए बिना सिनेमा देखने को किफायती बनाया है।

उन्होंने बताया कि, आने वाले दिनों में पीवीआर ने टेनेट, इंदु की जवानी, सूरज पे मंगल भारी, ब्रेक द साइलेंस जैसी बहुप्रतीक्षित और पूर्नानुमानित फिल्मों का लोकार्पण करना शुरू कर दिया है।

पीवीआर भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रीमियम फिल्म प्रदर्शनी कंपनी है। 1997 में अपनी स्थापना के बाद से ब्रांड ने देश में मनोरंजन के तरीके को फिर से परिभाषित किया है। पीवीआर वर्तमान में 71 शहरों (भारत और श्रीलंका) में 175 संपत्तियों पर 835 स्क्रीन से युक्त एक सिनेमा परिपथ संचालित करता है जो सालाना 100 मिलियन से अधिक संरक्षकों की सेवा देता है। पीवीआर प्रीमियम स्क्रीन श्रेणी में प्रारूपों की एक सारणी प्रदान करता है, जो निर्देशक कट की 4 स्क्रीन, गोल्ड क्लास की 37 स्क्रीन, सफायर की 04 स्क्रीन, IMAX की 09 रक्रीन, 4DX की 18 स्क्रीन, P[XL] की 08 स्क्रीन, प्लेहाउस की 13 स्क्रीन और देशभर में पीवीआर ओनिक्स की 01 स्क्रीन।


एमवीएन विश्वविद्यालय उद्यमिता सेल ने एक आभासी वेबीनार सत्र का आयोजन कराया

Posted by: | Posted on: December 11, 2020

पलवल(विनोद वैष्णव) एमवीएन विश्वविद्यालय उद्यमिता सेल ने एक आभासी वेबीनार सत्र का आयोजन कराया जिसका मुख्य विषय उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देना था I इस सत्र के मुख्य प्रवक्ता सिमिती भट्ट (सह संस्थापक एडवांटेज क्लब), आकृति भार्गवा (सह संस्थापक विजेलकी), सलोनी कॉल (संस्थापक इट्स पीपल), नवदीश महाजन (सह संस्थापक एनडीबीएम) रहे जिन्होंने अपनी अपनी उद्यमी यात्रा के बारे में बताया और विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि किस प्रकार से एक लघु उद्योग से हम बहुत बड़े व्यवसाय की तरफ जा सकते हैं I उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भी इस प्रकार के छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ाने के लिए लिए मुद्रा लोन दे रही हैI उन्होंने कहा कि अगर हम इस प्रकार के उद्योग चलाते हैं तो हम अपने अलावा काफी व्यक्तियों को रोजगार प्रदान कर सकते हैंI एमवीएन विश्वविद्यालय उद्यमी सेल का मानना है कि भारतीय युवा पीढ़ी में यह सकती है कि वह जीवंतता, प्रेरणा और सृजन का मार्ग बना सके और इस प्रकार हम विघटनकारी विचारों वाले ऐसे तेज दिमाग के लिए सही मंच बनाने का प्रयास करते हैं जिसमें बेहतर जीवन को सक्षम करने की क्षमता होI एमवीएन विश्वविद्यालय कॉरपोरेट संसाधन केंद्र एक्सपर्ट टॉक सीरीज पिछले कुछ वर्षों से उद्योग के कुछ बड़े दिग्गजों के साथ मेजबानी कर चुका है I यह हर किसी के लिए डिजाइन किए गए घटनाओं के जाम पैक क्लस्टर के माध्यम से अनगिनत विचारों को प्रेरित करने और फलदायी नेटवर्क को गुणा करने के लिए जारी है I विश्वविद्यालय की प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, अध्यक्ष वरुण शर्मा, कुलाधिपति संतोष शर्मा, कुलपति डॉ जेवी देसाई एवं कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने इस सत्र की भूरी भूरी प्रशंसा की एवं कहा कि इस प्रकार के सत्र का विद्यार्थियों को प्रेरित करने और उत्साहवर्धन के लिए जरूरी है I इस सत्र का श्रेय सीआरसी विभाग के महाप्रबंधक गौरव सैनी को जाता है इस सत्र की अध्यक्षता डॉक्टर संजय सदाना ने कीI विश्वविद्यालय के सभी अध्यापक और विद्यार्थी इस सत्र के दौरान ऑनलाइन माध्यम से जुड़े I


फैशन के बदलते दौर में लहंगा बना लड़कियो की पहली पसंद

Posted by: | Posted on: December 9, 2020

फरीदाबाद (ख्याति वर्मा /ऋतू चौहान ) | यूँ तो हम सभी जानते है कि आए दिन लड़कियों के कपड़ो का फैशन बदलता रहता है, कभी बाजार में डांगरी का फैशन तो कभी जीन्स टॉप और प्लाज़ो सूट का फैशन देखने को मिलता है. बाजार में चाहे कितने ही तरह के फैशन क्यों न आ जाए परन्तु लहंगे का स्थान कोई भी फैशन नहीं ले सकता है क्योकि इसकी अपनी ही एक अलग पहचान है, इतना ही नहीं लड़कियां रोजमर्रा की जिंदगी में भी लहंगे को एक अलग तरह के कंट्रास्ट के साथ पहनना पसंद करती है जो वाकई में ही उनकी पर्सनॅलिटी को आकर्षित बनाता हैं.

पहले लड़कियों की विचारधारा थी की वह अपनी ही शादी में लहंगा पहन सकती है क्योंकी उन्हें लगता था की लहंगा सिर्फ दुल्हन के लिए ही बना है. लेकिन ऐसा नहीं है! बदलते समय के साथ-साथ लहंगे के डिज़ाइनस में काफी बदलाव आया है- अब हम लहंगे को किसी भी त्यौहार, जन्मदिन, फेयरवेल पार्टी, स्कूल व कॉलेज में होने वाले एनुअल फंक्शन आदि जगहों पर भी आसानी से पहन सकते है.
आइए जानते है की लहंगे के फैशन में क्या- क्या बदलाव आए अगर बात करे पहले के जमाने की तो उस समय पूरा ही लहंगा एक रंग का होता था जैसे लाल रंग का घाघरा, चुन्नी, चोली और यह सारे लेहंगे सितारे मोतियों से जड़े होते थे.अगर बात करे कढ़ाई वाले लहंगे की तो उस पुरे लहंगे में ही कढ़ाई होती थी जो दिखने में बहुत ही भारी भरकम सा लगता था लेकिन अब लहंगे के फैशन में इतना बदलाव आया है की लहंगे के रंग के साथ साथ उनके पहनने का तरीका ही बदल गया है, अब लड़कियां लहंगे के साथ चोली न पहनकर शर्ट पहनना पसंद करती है जो उन्हें एकदम परफेक्ट पार्टी होस्ट या गेस्ट वाला लुक देता है जो दिखने में काफी मॉडर्न लगता है और इसका क्रेज दिन प्रतिदिन इतना बढ़ता चला जा रहा है की बड़ी बड़ी बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका,आलिया और अनुष्का शर्मा भी इस लुक को अपना रही है। यह इतने साधारण वह सुन्दर होते है की इन्हे हर उम्र की लड़कियां एवं औरते पहनना पसंद करती है। इन लहंगो को बनाने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के कपड़ो का प्रयोग किया जाता है जैसे- बनारसी, रेशमी, जयपुरी, वेलवेट, जॉर्जेट, टाफ्ता और रॉ सिल्क आदि।
अगर आप भी किसी फंक्शन या पार्टी में परफेक्ट पार्टी होस्ट वाला लुक चाहती है तो आप इस प्रकार के लहंगे भी खरीद सकती है जैसे-
*जैकेट लहंगा
*पैनल लेंथ लहंगा
*कलीदार लहंगा
*स्ट्रैट कट लहंगा
*ए लाइन लहंगा


हरियाणा की फरीबदाबाद जेल में शमशेर सिंह को तिनका तिनका इंडिया सम्माान जयकिशन छिल्लर और वर्तिका नन्दा ने दिया

Posted by: | Posted on: December 9, 2020

हरियाणा की फरीबदाबाद जेल में शमशेर सिंह को तिनका तिनका इंडिया सम्माान जयकिशन छिल्लर और वर्तिका नन्दा ने दिया

मानवाधिकार दिवस: जेलों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार
जेल में तिनका तिनका उम्मीद का उत्सव- तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स- 6वां साल
हरियाणा की जिला जेल, फरीदाबाद से रिलीज हुए राष्ट्रीय पुरस्कार

• इस साल 17 बंदी औऱ जेल स्टाफ चयनित
• इनमें एक जेल का बंदी अमिताभ बच्चन, एक पुरस्कार मरणोपरांत
• इस वर्ष पेंटिग की थीम थी- ‘कोरोना के दौर में जेल’।
• पुरस्कारों को के सेल्वाराज, हरियाणा जेल पुलिस महानिदेशक और श्री अजय कश्यप, पूर्व पुलिस महानिदेशक, दिल्ली जेल और डॉ. वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका ने रिलीज किया।
• देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब पूरे देश में अलग-अलग जेलों से अधिकारी और बंदी लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जुड़े और इस दौरान उन्होंने अपनी बात कहने का मौका मिला।
• इस बार की निर्णायक मण्डली में श्री अजय कश्यप (आईपीएस), पूर्व महानिदेशक दिल्ली जेल, श्री ओ.पी. सिंह (आईपीएस) पूर्व महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस और डॉ. वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका शामिल रहे।

मानवाधिकार दिवस पर दिए जाने वाले तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स आज हरियाणा की जिला जेल, फरीदाबाद से वीडिया के जरिए जारी किए गए। तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स जेलों में सृजन करने वाले बंदियों और विशेष काम कर रहे जेल अधिकारियों व कर्मचारियों का सम्मान करते हैं। भारत की जानी-मानी जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नन्दा ने तिनका तिनका अवार्ड्स की परिकल्पना की है। हर वर्ष तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स चयनित बंदियों और जेल अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति में देश की किसी जेल में जारी किए जाते हैं। यह पुरस्कारों का छठवां वर्ष है। इस वर्ष 3 श्रेणियां रहीं- पेंटिंग, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासकों के लिए पुरस्कार। पेंटिंग की श्रेणी में 7 बंदियों को पुरस्कार दिया गया है। जेल में विशेष काम के लिए 6 बंदियों जबकि जेल में विशेष सेवा के लिए 4 जेलकर्मियों को सम्मानित किया गया है।

दिल्ली की तिहाड़ (7&9) जेल में बंद नरेंद्र नाथ सरकार (42) ने इस वर्ष पेंटिंग श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीता है। नरेंद्र नाथ सरकार जेल में आने से पहले बी.एस.एफ में कार्यरत थे। द्वितीय पुरस्कार उत्तर प्रदेश की मिर्ज़ापुर जेल में बंद रज्जू कोल (74) को मिला है। वहीं इसी श्रेणी में तृतीये पुरस्कार पश्चिम बंगाल की दार्जलिंग डिस्ट्रिक्ट करेक्शनल होम में बंद फिरोज़ राय (41) को मिला है। फिरोज़ राय जेल में आने से पहले चाय के बगीचे में काम करते थे।

इस वर्ष पेंटिग श्रेणी में 2 सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए हैं। दिल्ली की केंद्रीय जेल नंबर 16, मंडोली में बंद वैशाली कौशल (21) और केंद्रीय जेल कोयम्बटूर के बंदी माधवन (36) को संयुक्त रूप यह पुरस्कार दिया गया है।

पेंटिंग की ही श्रेणी में उत्तर प्रदेश की बिजनौर जिला जेल के 2 बंदियों को भी पुरस्कार दिया गया है। इसे जीतने वाले रफीक अहमद और परवेज़ नामक बंदी हैं।

इस वर्ष विशेष प्रतिभा की श्रेणी में 6 बंदियों को पुरस्कार दिए गए हैं।

  • 37 वर्षीय चिराग किशोरभाई राणा गुजरात की अहमदाबाद जेल में पिछले 11 साल से सजायाफ्ता बंदी हैं। जेल में रहते हुए राणा ने 35 से अधिक कोर्सों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। राणा, फिलहाल बंदियों को डिप्रेशन जैसी बीमारी से उबरने के लिए मदद कर रहे हैं। वह जेल की साइकोलॉजिकल सेल का संचालन कर रहे हैं।
  • चंडीगढ़ की मॉडल जेल के 36 वर्षीय बंदी अशोक कुमार ने महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए इस वर्ष मास्क और ग्रॉउंस बनाने में जेल प्रशासन की मदद की। अशोक व्यावसायिक रूप से टेलर हैं।
  • उत्तर प्रदेश की मैनपुरी जेल में 53 वर्षीय अजय चौहान पिछले 4 वर्ष से बंद हैं। वह सजायाफ्ता बंदी हैं। अजय जेल में रेडियो का संचालन करते हैं। महामारी के दौर में भी अजय ने रेडियो संचालन बेहतर ढंग से किया है। इस बार ख़ास बात यह रही कि महामारी के चलते बंदियों से उनके परिजनों की होने वाले मुलाकातों को रद्द कर दिया गया था। लेकिन अजय ने रेडियो प्रोग्राम कर इस बात को सुनिश्चित किया कि कोई बंदी इस कठिन समय में अपने आप को अकेला महसूस न करे।
  • छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल में 33 वर्षीय माधवी दास सजायाफ्ता बंदी हैं। उन्हें अभी जेल में 20 वर्ष की सज़ा और पूरी करनी है। माधवी जेल के हेल्थ वॉरियर हैं। जेल में अस्पताल के संचालन में वह अपनी सेवाएं दे रही हैं।
  • उत्तर प्रदेश की फिरोज़ाबाद ज़िला जेल में 40 वर्षीय अमिताभ बच्चन नामक बंदी 2009 से बंद हैं। वह सजायाफ्ता बंदी हैं। महामारी कोविड-19 के दौर में बच्चन ने जेल के भीतर सैनिटाइज़िंग का कार्य करने में जेल प्रशासन सरहानीय मदद की है।
  • 24 वर्षीय रजत संजय उत्तर प्रदेश की आगरा जेल के बंदी हैं। जेल में रेडियो की शुरुरात से लेकर अब तक वह इसके सक्रिय सदस्य रहे हैं। इस वर्ष महामारी के कारण जेल में बंदियों की उनके परिजनों से होने वाली मुलाकातों के रद्द होने के चलते रजत ने इस बात का धायक दिया कि कोई भी बंदी डिप्रेशन में न जाए। रजत में इस समय बंदियों के लिए रेडियो पर मोटिवेशनल प्रोग्राम्स बनाए।

इस वर्ष 4 जेल अधिकारियों व कर्मचारियों को तिनका तिनका अवॉर्ड्स दिए गए हैं। इनमें, मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट स्वर्गीय राजकुमार त्रिपाठी (56), महाराष्ट्र की यरवडा जेल, पुणे के डीआईजी (जेल) योगेश दत्तात्रेय देसाई (50), हरियाणा की फरीदाबाद ज़िला जेल के हेड वॉर्डर शमशेर सिंह (47) और दिल्ली की केंद्रीय जेल नंबर 16, मंडोली की गायत्री भास्कर मत्रों का नाम शामिल हैं। इस बार जेल अधिकारियों के सम्मान स्वर्गीय राजकुमार त्रिपाठी के नाम किए गए हैं।
57 वर्षीय राजकुमार त्रिपाठी, मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा जेल में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के पद पर तैनात ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे लेकिन इसके बावजूद अंतिम समय तक वह जेल में अपनी सेवाएं देते रहे। आखिर में इलाज के दौरान त्रिपाठी का निधन हो गया। त्रिपाठी को मरणोपरांत अवॉर्ड दिया गया जिसे उनकी पत्नी और बेटे ने स्वीकार किया।
हरियाणा की फरीबदाबाद जेल में शमशेर सिंह को तिनका तिनका इंडिया सम्माान श्री जयकिशन छिल्लर और वर्तिका नन्दा ने दिया। इस बार समारोह का वीडियो आयोजन इसी जेल से किया गया।

इस वर्ष नामांकन की कुल संख्या करीब 300 रही, जिनमें 33 महिला शामिल रहे। कार्यक्रम में देशभर के कई जेल अधिकारी शामिल हुए जिनमें श्री आनंद कुमार पुलिस महानिदेशक/ महानिरीक्षक कारागार, उत्तर प्रदेश और श्री शरद कुलश्रेष्ठ.,अपर महानिरीक्षक, कारागार, उत्तर प्रदेश, श्री विराट, अपर महानिरीक्षक,, मॉडल जेल, चंडीगढ़ शामिल थे। इस साल पुरस्कारों में फरीदाबाद की जेल में बने लकड़ी के मोमेंटो खास तौर से दिए जा रहे हैं।

वर्तिका नन्दा जेल सुधारक हैं और तिनका तिनका भारतीय जेलों पर उनकी श्रृंखला है। वे 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। जेलों पर उनके काम को दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है। तिनका तिनका डासना औऱ तिनका तिनका मध्य प्रदेश- जेलों की जिंदगी का दस्तावेज देती उनकी लिखी किताबें हैं।


कोरोना काल के दौरान लोगो में बढ़ा आकर्षित मास्क का प्रचलन

Posted by: | Posted on: December 8, 2020
कोरोना काल के दौरान लोगो में बढ़ा आकर्षित मास्क का प्रचलन

फरीदाबाद (ख्याति वर्मा /ऋतू चौहान ) | वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने लोगो के जीने का सलीका ही बदल दिया है इस महामारी की वजह से भारत में रहने वाले सभी निम्न व उच्च वर्ग के लोगो को इसने  घरो में रहने के लिए मजबूर कर दिया था जिसकी वजह से लोगो को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ा! विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है कोरोना  वायरस बहुत ही सूक्षम (छोटा ) होता है  लेकिन इसका प्रभाव बहुत ही भयंकर है, इतना  भयंकर की इसके संक्रमण में आने से मृत्यु भी हो सकती है इस बीमारी के लक्षण है- खांसी, जुखाम, छींक और सांस लेने में परेशानी आदि है इन्ही कोरोना वायरस के लक्षणों  से बचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन व स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ दिशा निर्देश  जारी किए  है जिसमे सबसे महत्वपूर्ण है- मास्क एवं हैण्ड  सेनीटाइज़र का प्रयोग एक वक्त था जब लोग वायरस से  बचने के लिए किसी भी प्रकार के मास्क का प्रयोग करते थे चाहे वह कपड़े
का मास्क हो या घर पर बनाया गया परंतु इस कोरोना वायरस बीमारी की अवधि इतनी बढ़ गई की इसका स्वरूप ही बदल गया बाजार में नए -नए प्रकार के व ब्रैंडिड मास्क बिकने लगे है! उदहारण  के तौर पर आपको बताते है की शादियों में किस प्रकार के मास्क का प्रयोग किया जा रहा है मान लो अगर हल्दी की रस्म है तो उसके लिए पीले रंग का मास्क है और अगर मेहंदी की रस्म है तो उसके लिए हरे रंग के मास्क का प्रयोग किया जा रहा है, दुल्हन शादी
में अपने लहंगे से मैचिंग ब्राइडल मास्क का प्रयोग करती है जो बहुत ही सुंदर व आकर्षित लगते  है, व्यापारिक क्षेत्र में लोग अपनी ड्रेस कोड के हिसाब से मास्क का प्रयोग करते है! इसके आलावा बाजार में विभिन्न प्रकार के मास्क उपलब्ध है जैसे-
चिल्ड्रन प्रिंट
एनिमल प्रिंट
फ्लोरल प्रिंट
एथनिक प्रिंट
कलमकारी प्रिंट
पटोला प्रिंट आदि

निष्कर्ष
लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से आकर्षित मास्क का प्रयोग तो करे ही लेकिन सामाजिक
दूरी का पालन भी आवश्य करे! 


एमवीएन विश्वविद्यालय में भारतीय नौसेना के इतिहास को किया याद

Posted by: | Posted on: December 4, 2020

पलवल(विनोद वैष्णव)। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज में भारतीय नौसेना दिवस के उपलक्ष्य पर एक आभासी सत्र का आयोजन किया गया जिस के मुख्य प्रवक्ता पूर्व सम्मानित फ्लाइट लेफ्टिनेंट युवराज मेहलावत रहे I उन्होंने बताया कि 1971 में भारत एवं पाकिस्तान का एक युद्ध हुआ जिसमें भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान को धूल चटा दी और तब से प्रतिवर्ष 4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है I उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारतीय नौसेना देश की रक्षा करती है I उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि अनुशासन हमारे जीवन में क्यों आवश्यक है क्योंकि हमारे जीवन के हर कार्य में अनुशासन का होना अत्यंत आवश्यक है I फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ तरुण विरमानी ने कहा कि इस सत्र का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में अनुशासन की भावना को जागृत करना है ताकि वो इस प्रकार के महान व्यक्तियों से प्रेरित होकर अपने जीवन में उसे अमल में ला सकें I विश्वविद्यालय के प्रबंधक संचालक कांता शर्मा, अध्यक्ष वरुण शर्मा, कुलाधिपति संतोष शर्मा, कुलपति डॉ जेवी देसाई एवं कुलसचिव डॉ राजीव रतन ने फार्मेसी विभाग के इस सत्र की सराहना की एवं कहा कि इस तरह के सभी दिवसों को मनाना जरूरी है क्योंकि इससे विद्यार्थियों एवं समाज में जागरूकता बढ़ती है I इस सत्र की मध्यस्थता अश्वनी शर्मा एवं गीता मेहलावत ने निभाई I इस सत्र के दौरान सभी अध्यापक, गैर अध्यापक गण और विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे I


लिंग्याज विद्यापीठ में नये सत्र का ऑनलाइन ओरिंटेशन शुरू

Posted by: | Posted on: December 2, 2020

फरीदाबाद(विनोद वैष्णव )। सुप्रसिद्ध तकनीकी शिक्षा संस्थान लिंग्याज विद्यापीठ का वर्ष 2020-21 का ओरिंटेशन प्रोग्राम आज विद्यापीठ में कुलाधिपति डा. पिचेश्वर गड्डे के नेतृत्व में ऑनलाइन प्रारंभ हुआ। कोरोना महामारी के चलते इस सत्र में प्रवेश की प्रक्रिया भी ऑनलाइन ही चली एवं छात्रों को कोरोना काल में शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन ही संबंधित विषयों की जानकारी दी गई।नये सत्र में विभिन्न कोर्सों में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कुलाधिपति डा. पिचेश्वर गड्डे ने कहा कि ईश्वर से हम कामना करते हैं कि शीघ्र ही इस महामारी का अंत हो और हम प्रत्यक्ष में एक-दूसरे से विचारों एवं विषयों से संबंधित निदानों का आदान-प्रदान कर सकें, तब तक हमें सभी शिक्षा संबंधी जरूरतों का आदान-प्रदान ऑनलाइन ही करना होगा।इस अवसर पर विद्यापीठ के कुलापति डॉ. अनिल राय दुबे ने ऑनलाइन छात्रों से मुखातिब होकर उन्हें विश्वास दिलाया कि किसी भी कोर्स में शिक्षकों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रों को कुशल प्रोफेसरों एवं शिक्षकों द्वारा हर तरह से विषयों की जानकारी दी जाएगी। दुबे ने कहा कि अपनी समस्या को लेकर छात्र विद्यापीठ कैंपस में कभी भी संपर्क कर सकते हैं। ऑनलाइन आरिंटेशन में छात्रों के साथ उनके अभिभावकों ने भी भाग लिया।ऑनलाइन कार्यक्रम में उद्योग क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने छात्रों को प्रोत्साहित किया। इनमें मुख्यत: जियो, अमेजन व ओटीएक्स जैसी विश्व स्तर की विभिन्न कंपनियां शामिल थीं। तीन दिवसीय उक्त ओरिंटेशन में अगले दो दिन विभागीय जानकारी दी जाएगी।


निजी स्कूलों को आर्थिक राहत दी जाए :-कुसुम चौधरी

Posted by: | Posted on: November 22, 2020

The newly registered Association of Hodal Palwal Private Schools held it’s First meeting in Hodal today..

President, Mr Hardwari Lal Sourout said that the association will ask the Government to give financial assistance to Private Schools since Fees intake is very less while Expenditures continue as in normal times

इस अवसर पर उपाध्यक्ष कुसुम चौधरी ने ग्रामीण अंचल के छात्रों की शिक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की । उन्होंने कहा कि इस Area के अधिकाश बच्चों के पास Online Education के लिए साधन नहीं हैं । स्कूल न खुलने की वजह से देश भर के लगभग 21 करोड़ बच्चे शिक्षा से वंचित हैं । उनहें शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया गया है । जब सब कुछ खोल दिया गया है तो स्कूलों को बंद करने का औचित्य नहीं है । अभि तक ऐसा कोई वैज्ञानिक आंकड़ा या आधार नहीं है कि Corona 15 वर्ष से कम के बच्चों पर कोई असर कर रहा है । अगर थोड़े बहुत बच्चे Positive भी आये हैं तो वो सब जल्द ही ठीक हो गए हैं ।
लेकिन बच्चों को स्कूलों से दूर रखकर उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है ।

इसलिए निजी स्कूल asoociation की मांग है कि निजी स्कूलों को आर्थिक राहत दी जाए और बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल तत्काल खोल दिये जायें


गांवों में शहरों की तर्ज पर कॉलोनियां विकसित करने के लिए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अधिकारियों के साथ बैठक

Posted by: | Posted on: November 17, 2020
गांवों में शहरों की तर्ज पर कॉलोनियां विकसित करने के लिए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की अधिकारियों के साथ बैठक

पॉजिटिव न्यूज़ चंडीगढ़(विनोद वैष्णव) । प्रदेश सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब व मध्यम वर्ग के लिए शहरों की तर्ज पर कॉलोनियां विकसित करने का निर्णय लिया है। ‘हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण’ द्वारा सर्वप्रथम पानीपत जिला के गांव इसराना में एक मॉडल कॉलोनी विकसित की जाएगी। इसको लेकर मंगलवार को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में ‘हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण’ की पांचवी बैठक हुई।बैठक के बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र से लोगों का शहरों की तरफ पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार देहात में पंचायती जमीन पर कॉलोनियां विकसित करने की योजना बना रही है। इससे गांव के मध्यम व गरीब श्रेणी के लोगों को किफायती दरों पर अपने गांव में ही शहरों की तरह योजनाबद्ध ढंग से बनाए गए मकान व अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। इन कॉलोनियों की प्लान जहां टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग तैयार करेगा, वहीं आधारभूत ढ़ांचा ‘हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण’ द्वारा बनाया जाएगा।दुष्यंत चौटाला ने बताया कि सर्वप्रथम पानीपत जिला के गांव इसराना में एक मॉडल कॉलोनी विकसित की जाएगी, उसके बाद राज्य के अन्य गांवों में भी इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस कॉलोनी में जहां 60 प्रतिशत मकान इसराना के निवासियों को दिए जाएंगे वहीं 40 प्रतिशत मकान खुली बोली से दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस आशय का एक प्रस्ताव ग्राम पंचायत द्वारा पास करके राज्य सरकार को भेजा गया है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इसराना में बनने वाली कॉलोनी का सबसे अधिक फायदा पानीपत के औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों व कर्मचारियों को होगा। क्योंकि पानीपत में मकानों की कीमत तुलनात्मक रूप से ग्रामीण क्षेत्र से अधिक है, ऐसे में पानीपत में नौकरी करने वाले मजदूर व कर्मचारी इसराना की कॉलोनी में मकान लेकर प्रतिदिन आवागमन कर सकते हैं। उन्होंने इस अवसर पर टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों को एक सप्ताह में इस मॉडल कॉलोनी का नक्शा तैयार करने के निर्देश दिए।